विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2003 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा.100/2003-आरबी दिनांक : 03 अक्तूबर ,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में,आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक,विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासकरने वाले व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000, में संशोधन करने के लिए निम्नलिखित विनियमावली बनाता है, अर्थात्, 1.संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) यह विनियमावली,विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2003 कहलाएगी। (ii) यह राजकीय राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगी। 2. विनियमावली में संशोधन ,विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम )विनियमावली , 2000 में " (iiक) भारत के बाहर निगमित कोई सत्ता का अर्थ है कि मेजबान देश की संगत संविधियों , विधियों के अंतर्गत निगमित/ पंजीकृत कोई भी सत्ता । " (ii) विनियमावली 5 के उप-विनियम (1)में या भारत के बाहर संस्था भले ही वह निगमित हो अथवा नही " शब्दों के स्थान पर "या भारत के बाहर निगमित कोई सत्ता नही " शब्द प्रतिस्थापित किये जायेंगे । (उषा थोरात) |