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विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभ्ााग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.

अधिसूचना सं.फेमा 136/2005-आरबी

दिनांक :19 जुलाई, 2005

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का
अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000, में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ्

(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(तीसरा संशोधन) विनियमावली 2005 कहलाएगी।

(ii) ये सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से लागू होंगी।

2. विनियमावली में संशोधन

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में संलग्नक " आ " में निम्नलिखित जोड़ा जाएगा :

 

क्षेत्र

निवेश सीमा

क्रियाकलाप/ मदों/ शर्तों का वर्णन

 

(1)

(2)

(3)

23.

टाउनशिप, आवास, निर्मित बुनियादी सुविधाएं और विनिर्माण विकास परियोजनाएं।आवास, वाणिज्यिक परिसर, हॉटेल, रिसॉर्ट, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थाएं, मनोरंजन सुविधाएं, शहरी और क्षेत्रीय स्तर की बुनियादी सुविधाएं इसमें शामिल होगी किन्तु इन तक प्रतिबंधित नहीं होगी।

100%

निवेश निम्नलिखित मार्गदर्शी सिद्धांतों के अधीन होंगे

क) प्रत्येक परियोजना के अधीन विकसित किए जानेवाला न्यूनतम क्षेत्र निम्न प्रकार होगा :

i) तैयार किए गए आवासीय प्लॉट को विकसित करने के मामलें में - 10 हेक्टेयर

ii) विनिर्माण के मामले में - विकास परियोजना - 50,000 वर्ग मीटर

मिली-जुली परियोजना के मामले में - उपर्युक्त दो शर्तों में से कोई एक

 

 

 

ख) निवेश निम्नलिखित शर्तों के अधीन होंगे :

i) पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं के लिए 10 मिलियन और भारत के साझेदारों के साथ संयुक्त उद्यम के लिए 5 मिलियन अमरीकी डॉलर का न्यूनतम पूंजीकरण। कंपनी के कारबार के शुरू होने के छह महीने के भीतर निधियों को लाना होगा।

ii) न्यूनतम पूंजीकरण के पूरा होने से 3 वर्ष की अवधि से पहले मूल निवेश को प्रत्यावर्तित नहीं किया जा सकता है। फिर भी, निवेशक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से सरकार के पूर्वानुमोदन से पहले ही प्रस्थान कर सकता है।

 

 

 

ग) सांवैधानिक मंजूरी मिलने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के अंदर परियोजना के कम से कम 50 प्रतिशत को विकसित किया जाना अनिवार्य है। निवेशक को अविकसित प्लॉट बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 

 

 

घ) परियोजना लागू भवन नियंत्रण विनियमों, उप नियमों, नियमों और संबंधित राज्य सरकार/ नगर निगम/ स्थानीय निकाय के अन्य विनियमों में यथा निर्धारित मानदंडों और मानकों के अनुरूप होगी।

 

 

 

ङ) सभी आवश्यक अनुमोदनों को प्राप्त करने की जिम्मेदारी निवेशक की होगी जिसमें भवन/ ले-आऊट प्लान, आंतरिक और बाह्य क्षेत्रों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास, विकास, बाह्य विकास और अन्य खर्चों के भुगतान, राज्य सरकार/ नगर निगम/ संबंधित स्थानीय निकाय के लागू नियमों-उपविनियमों के तहत यथानिर्धारित अन्य सभी अपेक्षाओं का अनुपालन शामिल है।

टिप्पणी: विकासकर्ता द्वारा उपर्युक्त शर्तों के अनुपालन की विनिर्माण/ विकास योजनाओं को अनुमोदित करनेवाले राज्य सरकार/ नगर निगम/ संबंधित स्थानीय निकाय निगरानी करेंगे। इन मार्गदर्शी सिद्धांतों के प्रयोजन हेतु "अविकसित प्लॉट" का तात्पर्य होगा जहां निर्धारित विनियमों के तहत यथा लागू सड़क, जल आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट, नालियां, मल-जल निकासी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। निवेशक को तैयार आवासीय प्लॉटों को बेचने की अनुमति देने के पहले यह जरूरी होगा कि निवेशक ये मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराता है और संबंधित स्थानीय निकाय/ सर्विस एजेंसी से समापन प्रमाणपत्र प्राप्त करता है।

(विनय बैजल)
प्रभारी महाप्रबंधक


पाद टिप्पणी : मूल विनियमावली सरकारी राजपत्र में दिनांक मई 8, 2000 के जी.एस.आर. सं.406(E) में भाग II, खंड 3, उप-खंड (i) में प्रकाशित किए गए हैं और तत्पश्चात् निम्नानुसार संशोधित किए गए हैं :-

दिनांक 02.03.2001 का जीएसआर सं.158(E)
दिनांक 13.03/2001 का जीएसआर सं.175(E)
दिनांक 14.03.2001 का जीएसआर सं.182(E)
दिनांक 02.01.2002 का जीएसआर सं. 4(E)
दिनांक 19.08.2002 का जीएसआर सं.574(E)
दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.223(E)
दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.225(E)
दिनांक 22.07.2003 का जीएसआर सं.558(E)
दिनांक 23.10.2003 का जीएसआर सं.835(E)
दिनांक 22.11.2003 का जीएसआर सं.899(E)
दिनांक 07.01.2004 का जीएसआर सं.12(E)
दिनांक 23.04.2004 का जीएसआर सं.278(E)
दिनांक 16.07.2004 का जीएसआर सं.454(E)
दिनांक 21.09.2004 का जीएसआर सं.625(E)
दिनांक 08.12.2004 का जीएसआर सं.799(E)
दिनांक 01.04.2005 का जीएसआर सं.201(E)
दिनांक 01.04.2005 का जीएसआर सं.202(E)

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