(क) |
ऐसे शेयर (इसके पश्चात् "मूल शेयर" माना जाएगा), जिनके तहत कंपनी द्वारा बोनस शेयर जारी किए गए हैं, वे अभिग्रहण को लागू नियमों/विनियमों के अनुसार अनिवासी शेयरधारक द्वारा अभिगृहीत अथवा धारित किए गए थे। |
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(ख) |
अनिवासी शेयरधारक द्वारा अभिगृहीत बोनस शेयर, मूल शेयरों को लागू प्रत्यावर्तनीयता से संबंधित प्रतिबंधों समेत उन्हीं शर्तों के अधिन होंगे। |
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6 आ भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट- |
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विनियम 6, या विनियम 6अ, जैसा भी मामला हो, के अनुसार अधिकार शेयर अथवा बोनस शेयर जारी करने वाली कंपनी लेनदेन को निर्गम की तिथि से तीस दिनों के भीतर फॉर्म एफसी-जीपीआर में भारतीय रिज़र्व बैं के क्षेत्रीय कार्यालय को, जिसेके क्षेत्राधिकार में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है, को रिपोर्ट करें। |
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इ |
विनियम 9 में उप-विनियम (2) निम्नलिखित उप-विनियम से प्रतिस्थापित किया जाए, नामत:- |
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"(2)(i) |
भारत से बाहर निवासी व्यक्ति, अनिवासी भारतीय अथवा विदेशी कंपनी निकाय न होने पर, उनके द्वारा धारित शेयर परिवर्तनीय डिबेंचरों को भारत के बाहर किसी निवासी व्यक्ति को विक्री अथवा उपहार द्वारा अंतरित कर सकते हैं। |
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(ii) |
अनिवासी भारतीय अथवा विदेशी कंपनी निकाय उनके द्वारा धारित शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों को अन्य अनिवासी भारतीय या विदेशी कंपनी निकाय को ही विक्री या उपहार द्वारा अंतरित कर सकते हैं; |
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बशर्ते कि ऐस व्यक्ति जिन्हें शेयर अंतरित किए यजा रहे हों, ने खंड (I) और (ii) के अनुसार केंद्र सरकार से शेयर को अभिगृहीत करने की पूर्वानुमति प्राप्त की हो, यदि उनका, शेयर अथवा डिबेंचरों में निवेश अथ्ंवा तकनीकी सहभागिता अथवा ट्रेड मार्क करार अथवा उसी क्षेत्र में किसी भी नाम से जाने जाने वाले निवेश अथवा संबद्ध क्षेत्र में रत जिसमें भारतीय कंपनी जिनके शेयर अंतरित किए जाने वाले हैं के जरिए उनके पूर्व उद्यम अथवा भारत में तालमेल है। |
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इसके अलावा, बशर्ते कि खंड (i) और (ii) की प्रतिबंध एशियन विकास बैंक (एडीबी), अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी), कॉमनवेल्थ विकास निगम (सीडीसी), ड्यूश एंटविकलंग्स गेस्सेल्सशॉफ्ट (डीईजी) ऐसे अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाओं को और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रत भारतीय कंपनी के शेयर अंतरण पर लागू नहीं है। |
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(iii) |
इन विनियमों के अनुसार भारत के बाहर रहने वाले व्यक्ति उनके द्वारा धारित भारतीय कंपनी के शेयर या परिवर्तनीय डिबेंचरों को |
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(क) |
भारत में निवासी व्यक्ति को उपहार के रूप में अंतरित कर सकता है |
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(ख) |
पंजीकृत दलाल के जरिए भारत में मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में बेच सकता है ।" |
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ई |
सूची 1 में |
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(क) |
पैरा 5 में खंड (क) में "सेबी के दिशा-निदेशों" शब्दों के पश्चात् यथा लागू" शब्दों को जोड़ा जाएगा; |
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(ख) |
पैरा 5 के पश्चात् निम्नलिखित नया पैरा समाविष्ट किया जाए, नामत:- |
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"5अ एडीआर/जीडीआर का निर्गम मूल्य |
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भारत के बाहर निवासी व्यक्ति को जारी किए जानेवाले एडीआर/जीडीआर का मूल्य भारतीय कंपनी द्वारा निश्चित किया जाए। |
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(क) |
जहां निर्गम के अग्रणी प्रबंधक के साथ परामश्र करके सार्वजनिक आधार पर निर्गम जारी किया जाता है और |
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(ख) |
अन्य मामलों में, उक्त पैरा 5 में दिए गए अनुसार" |
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(ग) |
पैरा 6 में खंड (क) में उप-खंड (ii) के पश्चात् निम्नलिखित को जोड़ा जाएगा, नामत: "(iii) 14 जुलाई 2000 (अर्थात्, वह तारीख जिस दिन लाभांश संतुलन शर्त को निकाला गया) के पश्चात् घोषित/प्रेषित लाभांश में से निर्मित दायित्व को" |
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(घ) |
पैरा 6 में वर्तमान उप-खंड (ख) निकाल दिया जाए। |
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उ |
परिशिष्ट अ के स्थान पर संशोधित परिशिष्ट "अ" प्रतिस्थापित की जाए |
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ऊ |
परिशिष्ट अ के स्थान पर संशोधित परिशिष्ट "आ" प्रतिस्थापित की जाए |
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ए |
परिशिष्ट अ के स्थान पर संशोधित परिशिष्ट "इ" प्रतिस्थापित की जाए |
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ऐ |
परिशिष्ट अ के स्थान पर संशोधित परिशिष्ट "ई" प्रतिस्थापित की जाए |
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ओ |
वर्तमान फार्म एफसी-जीपीआर के स्थान पर निम्नलिखित संशोधित एफसी-जीपीआर फॉर्म प्रतिस्थापित किया जाए, |
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औ |
अनूसूची 2, में पैरा (1) मे उप-पैरा (5) के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाए, |
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नामत: |
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"(5) (अ) पंजीकृत एद्यआईआई को प्रस्ताव / प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए भारतीय कंपनी के शेयर / परिवर्तनीय डिबेंचरों को खरीदने की अनुमति है बशर्ते कि इस पैरा के उप-पैरा -(4) में उल्लिखित सीमा के अधीन हो और भारतीय कंपनी को ऐसे शेयर जारी करने की अनुमति हो; |
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बशर्ते कि :- |
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(i) |
सार्वजनिक प्रस्ताव के मामले में जारी करने वाले शेयर का मूल्य निवासियों को जारी किए गए शेयरों के मूल्य से कम न हों, और |
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(ii) |
प्राइवेट प्लेसमेंट द्वारा निगर्म के मामले में सेबी द्वारा जारी दिशा निदेशों के अनुसार निकाले गए मूल्य से या पूर्ववर्ती पूंजी निर्गम के नियंत्रण पर प्राप्त जारी दिशा निदेश, जो लागू हो, से कम न हो" |
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अं |
अनुसूची 3 में, |
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(i) पैरा (1) के उप पैरा (i) के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा, नामत:- |
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"(i) अनिवासी भारतीय, प्राधिकृत व्यापारी द्वारा नामित शाखा के जरिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस प्रयोजन के लिए यथावत अनुमोदन करके संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत शेयर/परिवर्तनीय डिबेंचर खरीद सकते हैं।" |
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(ii) पैराग्राफ़ 3 के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा नामत:- "3. शेयर और / अथवा डिबेंचर की विक्री /परिपक्वता आय का प्रेषण/जमा |
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अनिवासी भारतीय या विदेशी कंपनी निकाय द्वारा इस योजना के अंतर्गत खरीदे गए भारत कंपनी के शेयर और / अथवा डिबेंचर की निवल विक्री / परिपक्वता आय को (आयकर के भुगतान के पश्चातद्व) पैरा 1 में संदर्भित प्राधिकृत व्यापारी की नामित शाखा द्वारा अनुमति दी जाए। |
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क) |
अनिवासी भारतीय/समुद्रपारीय निगमित निकाय निवेशक के एनआरओ खाते में जमा निधियों से किया जाता है या जहाँ शेयर और / या डिबेंचर की खरीद अप्रत्यावर्तनीय आधार पर की जाती है: अथवा |
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ख) |
जहाँ शेयर और / अथवा डिबेंचर प्रत्यावर्तनीय आधार पर खरीदे गए हैं वहां अनिवासी भारतीय / विदेशी निगमित निकाय के निदेशक के विकल्प के अनुसार विदेश में प्रेषित किया जाए अथवा अनिवासी भारतीयों के एनआरई / एफसीएनआर / एनआरओ खाते में जमा किया जाए" |
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अ: |
अनुसूची 4 में, पैरा 2 के पश्चात निम्नलिखित उपबंध जोड़ा जाए, नामत:- |
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"बशर्ते कि ऐसे व्यक्ति ने जिन्हें शेयर अंतरित किए जा रहे जों, केद्र सरकार से शेयर को अभिगृहीत करने की पूर्वानुमति प्राप्त की हो, यदि उनका, शेयर अथवा डिबेंचरों में निवेश्ं अथवा तकनीकी सहभागिता अथवा ट्रेड मार्क करार अथवा उसी क्षेत्र में किसी भी नाम से जाने जाने वाले निवेश अथवा संबद्ध क्षेत्र में रत जिसमें भारतीय कंपनी जिनके शेयर अंतरित किए जाने वाले हैं के जरिए उनके पूर्व उद्यम अथवा भारत में तालमेल है।" |
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इसके अलावा यह भी कि ये प्रतिबंध, एशियन विकास बैंक (एडीबी), अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी), कॉमनवेल्थ विकास निगम (सीडीसी), ड्यूश एंटविकलंग्स गेस्सेल्सशॉफ्ट (डीईजी) जैसी अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाओं को और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रत अंतरण पर लागू नहीं हैं। |