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परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) में विदेशी निवेश

आरबीआइ/2005-06/203
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.16

नवंबर 11, 2005

सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक
महोदया/महोदय,

परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) में विदेशी निवेश

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.20 द्वारा भारतीय रिज़र्व बैक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है।

2. परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों से इतर पात्र व्यक्तियों/ कंपनियों को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश मार्ग के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों की ईक्विटी पूंजी में निवेश करने की अनुमति दी जाए। नवंबर 8, 2005 को सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति की एक प्रति संलग्न है।

यह स्पष्ट किया जाता है कि परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों में केवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति दी जाएगी। फिर भी, विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

तदनुसार, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड अब से रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों की प्रदत्त ईक्विटी पूंजी में निवेश हेतु विदेशी प्रत्यक्ष निवेश मार्ग के तहत पात्र व्यक्तियों/ कंपनियों से प्राप्त आवेदन पत्रों पर निम्नलिखित शर्तों के अधीन विचार करेगा :

(क) अधिकतम विदेशी ईक्विटी, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के प्रदत्त ईक्विटी पूंजी के 49 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
(ख) किसी एकल कंपनी के निवेश के प्रदत्त ईक्विटी पूंजी के 10 प्रतिशत से अधिक होने की स्थिति में, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां, सेक्यूरिटाइज़ेशन एण्ड रिकन्स्ट्रक्शन ऑफ फिनान्शियल एसेट्स एण्ड एन्फोर्समेंट ऑफ सेक्यूरिटी इन्टरेस्ट ऐक्ट, 2002 (एसएआरएफएईएसआइ ऐक्ट) की धारा 3(3)(च) के प्रावधानों का अनुपालन करें।

3. परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों द्वारा जारी प्रतिभूति रसीदों में निवेश

यह भी निर्णय लिया गया है कि सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों को भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों द्वारा जारी प्रतिभूति रसीदों में निवेश की सामान्य अनुमति दी जाए। विदेशी संस्थागत निवेशक प्रतिभूति रसीदों की प्रत्येक श्रृंखला के 49 प्रतिशत तक निवेश कर सकते हैं बशर्ते प्रतिभूति रसीद योजना की प्रत्येक श्रृंखला में एकल विदेशी संस्थागत निवेशकों का निवेश निर्गम के 10 प्रतिशत से अधिक न हो।

4. परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश संबंधी नीति दो वर्ष के बाद समीक्षा के अधीन होगी तथा प्रतिभूति रसीदों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश की एक वर्ष बाद समीक्षा की जाएगी।

5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

6. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(विनय बैजल)

मुख्य महा प्रबंधक

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