पण्य मंडियों(कॉमोडिटी एक्सचेंजों) में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
पण्य मंडियों(कॉमोडिटी एक्सचेंजों) में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन
आरबीआइ/2007-08/303
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.41
अप्रैल 28, 2008
सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक
महोदया / महोदय
पण्य मंडियों(कॉमोडिटी एक्सचेंजों) में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय- समय पर यथासंशोधित मई 3,2000 की फेमा अधिसूचना सं. 20/2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 की अनुसूची I की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि निम्नलिखित शर्तों के अधीन पण्य मंडियों में विदेशी निवेश की अनुमति दी जाए:
i) 26% की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सीमा और 23% के विदेशी संस्थागत निवेश के साथ विदेशी निवेश की मिली-जुली उच्चतम सीमा 49% होगी।
ii) सरकार के विशिष्ट अनुमोदन से ही विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति दी जाएगी।
iii) पण्य मंडियों के इक्विटी में विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा खरीद केवल अनुषंगी बाजार तक सीमित रहेगी।
iv) पण्य मंडियों में विदेशी निवेश फारवर्ड मार्केट कमीशन द्वारा इस संबंध में जारी विनियमों के अनुपालन की शर्त भी के अधीन होगा।
इस संबंध में जारी मार्च 12,2008 के प्रेस नोट 2(2008 सिरीज़) की एक प्रति संलग्न है।
3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।
4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम )विनियमावली,2000 के आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहें हैं।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन,यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महा प्रबंधक