पण्य बाज़ारों (Commodity Exchanges) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC)क्षेत्र में विदेशी निवेश- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) योजना में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
पण्य बाज़ारों (Commodity Exchanges) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC)क्षेत्र में विदेशी निवेश- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) योजना में संशोधन
भारिबैंक/2011-12/542 08 मई 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, पण्य बाज़ारों (Commodity Exchanges) और गैर-बैंकिंग प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 28 अप्रैल 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 41 के पैरा 2 के साथ पठित, समय समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 1 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके मार्फत उसमें दर्शायी गयी शर्तों के अधीन, पण्य बाज़ारों में 26 प्रतिशत की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सीमा तथा पोर्टफोलियो निवेश योजना (PIS) के तहत 23 प्रतिशत की विदेशी संस्थागत निवेश (FII) सीमा के साथ विदेशी निवेश के लिए संयुक्त रूप से 49 प्रतिशत की उच्चतम सीमा की अनुमति दी गयी थी । 2. पण्य बाज़ारों में विदेशी निवेश की मौजूदा नीति की अब समीक्षा की गयी है और यह निर्णय लिया गया है कि पण्य बाज़ारों में केवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश घटक के लिए सरकार (वि.नि.सं.बोर्ड/FIPB) का पूर्वानुमोदन आवश्यक होगा और पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश के लिए सरकार के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी । 28 अप्रैल 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.41 में निहित सभी अन्य शर्ते यथावत बनी रहेंगी । 3. इसके अलावा, मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के तहत, 'पट्टा और वित्त' गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की 18 गतिविधियों में से एक है जिसमें स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत न्यूनतम पूंजीकरण मानदंडों की शर्त के अधीन 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए अनुमति दी गयी है । एतद्द्वारा यह स्पष्ट किया जाता है कि केवल वित्तीय पट्टे (वित्तीय पट्टाकरण गतिविधि) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए अनुमति दी जाती है तथा परिचालनगत पट्टे (operating leasing activity) के लिए अनुमति नहीं है । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/ घटकों को अवगत करायें । 5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किये जा रहे हैं । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |