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सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों, अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों तथा दीर्घकालिक निवेशकों द्वारा कार्पोरेट कर्ज (प्रतिभूतियों) में भारत में विदेशी निवेश

भारिबैंक/2013-14/494
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 104

14 फरवरी 2014

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों, अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों तथा
दीर्घकालिक निवेशकों द्वारा कार्पोरेट कर्ज (प्रतिभूतियों) में भारत में विदेशी निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार सेबी पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआईएस), सेबी पंजीकृत अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशक (क्यूएफआईस) और सेबी पंजीकृत दीर्घकालिक निवेशक, प्रत्यावर्तनीय आधार पर, सरकारी प्रतिभूतियों और किसी भारतीय कंपनी द्वारा जारी अपरिवर्तनीय डिबेंचरों (NCDs)/बांडों को, उनमें विनिर्दिष्ट शर्तों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक और सेबी द्वारा, समय-समय पर, यथा विनिर्दिष्ट सीमाओं के अंतर्गत खरीद सकते हैं।

2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 1 अप्रैल 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 94 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार सेबी पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआईएस), अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों (क्यूएफआईस) और दीर्घकालिक निवेशकों के लिए कार्पोरेट कर्ज में निवेश करने की मौजूदा सीमा 51 बिलियन अमरीकी डॉलर है। उक्त 51 बिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा के भीतर, पात्र निवेशक केवल 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की उप-सीमा तक वाणिज्यक पेपरों में निवेश कर सकते हैं। सेबी द्वारा विनिर्दिष्ट सीमा के तहत संप्रति इस उप-सीमा के लगभग 58% तक का ही उपयोग किया जा रहा है।

3. समीक्षा करने पर, दीर्घकालिक निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि वर्तमान 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वाणिज्यिक पेपरों में निवेश की उप-सीमा को, तत्काल प्रभाव से 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर घटाकर 2.0 बिलियन अमरीकी डॉलर किया जाए। हालांकि, 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की शेष राशि कार्पोरेट कर्ज संबंधी 51 बिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा के भाग के रूप में बनी रहेगी और पात्र विदेशी निवेशकों को कार्पोरेट कर्ज में निवेश के लिए उपलब्ध रहेगी।

संशोधित स्थिति का सारांश नीचे दिया गया है:

लिखत

सीमा

पात्र निवेशक

टिप्पणी

वाणिज्यक पेपरों सहित कार्पोरेट कर्ज प्रतिभूतियां

51 बिलियन अमरीकी डॉलर

सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक, अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशक (QFIs) और दीर्घकालिक निवेशक - सरकारी संपदा निधियां (एसडब्ल्यूएफ), बहुपक्षीय एजेंसियां, पेंशन/बीमा/धर्मादा निधियां, विदेशी केंद्रीय बैंक

51 बिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा के भीतर पात्र निवेशक केवल 2.0 बिलियन अमरीकी डॉलर तक वाणिज्यक पेपरों में निवेश कर सकते हैं।

4. इस संबंध में परिचालनात्मक दिशानिर्देश सेबी द्वारा जारी किए जाएंगे।

5. कार्पोरेट कर्ज (प्रतिभूतियों) में निवेश संबंधी सभी अन्य वर्तमान शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी।

6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों और घटकों को अवगत कराएं ।

7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।

भवदीय,

(रुद्र नारायण कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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