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भारत में विदेशी निवेश – एफ.आई.आर.एम.एस. (फर्म्स) पोर्टल में सिंगल मास्टर फॉर्म (एस.एम.एफ़.) के माध्यम से की जाने वाली रिपोर्टिंग को तर्कसंगत बनाना

भा.रि.बैंक/2022-23/160
ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज़) परिपत्र सं. 22

04 जनवरी 2023

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/ महोदय

भारत में विदेशी निवेश – एफ.आई.आर.एम.एस. (फर्म्स) पोर्टल में
सिंगल मास्टर फॉर्म (एस.एम.एफ़.) के माध्यम से की जाने वाली रिपोर्टिंग को तर्कसंगत बनाना

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान दिनांक 07 जून 2018 के ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज़) परिपत्र सं. 30 की ओर आकर्षित किया जाता है।

2. यह सूचित किया जाता है कि फ़र्म्स पोर्टल में एस.एम.एफ. के माध्यम से की जाने वाली विदेशी निवेश की रिपोर्टिंग के संबंध में निम्नलिखित परिवर्तन लागू किए जा रहे हैं :

  1. पोर्टल में प्रस्तुत फॉर्मों की पावती स्वत: आ जाएगी। प्राधिकृत व्यापारी बैंक अपलोड किए गए यथानिर्दिष्ट दस्तावेजों के आधार पर पांच कार्य दिवसों के भीतर इनका सत्यापन करेंगे।

  2. रिपोर्टिंग में होने वाले विलंब के मामलों में, प्राधिकृत व्यापारी बैंक या तो आवेदकों को विलंब प्रस्तुतीकरण शुल्क (एलएसएफ), जिसकी गणना सिस्टम द्वारा की जाएगी, जमा करने की सूचना देंगे, अथवा उन्हें संबंधित उल्लंघन की कंपाउंडिंग, जैसा भी मामला हो, के लिए कहेंगे।

प्रणाली में किए गए परिवर्तनों की प्रमुख विशेषताएं सुलभ संदर्भ हेतु अनुबंध में दी गई हैं। विस्तृत दिशा-निर्देशों के लिए कृपया https://firms.rbi.org.in पर उपलब्ध फ़र्म्स (FIRMS) मैन्युअल देखें और यदि इसमें किसी भी प्रकार की विसंगति पायी जाती है तो, उक्त पोर्टल पर उपलब्ध मैन्युअल का मौजूदा संस्करण अंतिम माना जाएगा।

3. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/ कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं।

भवदीय

(एन. सेंथिल कुमार)
प्रभारी महाप्रबंधक


अनुबंध

फर्म्स (FIRMS) में एसएमएफ की स्वत: पावती और एलएसएफ की ऑनलाइन गणना

फर्म्स में प्रस्तुत फॉर्मों की प्रोसेसिंग नीचे दिए गए ब्योरे के अनुसार की जाएगी:

अपेक्षित दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत सभी फॉर्मों की पावती समय दर्शाने वाली मुहर के साथ फर्म्स पोर्टल पर अपने-आप आ जाएगी और आवेदक को स्वत: जनित ई-मेल चला जाएगा।

  1. निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रस्तुत फॉर्मों को अपलोड किए गए अनिवार्य दस्तावेजों के आधार पर एडी बैंकों द्वारा सत्यापित किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मौजूदा दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है।

  2. रिपोर्टिंग में देरी, यदि कोई हो, की पहचान सिस्टम करेगा।

  3. तीन साल या उससे कम के विलंब के साथ प्रस्तुत फॉर्मों के मामले में, एडी बैंक एलएसएफ के भुगतान के अधीन अनुमोदन प्रदान करेंगे।

  4. एलएसएफ की गणना सिस्टम करेगा और आवेदक तथा आरबीआई के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय (आरओ) को एक ई-मेल चला जाएगा, जिसमें आरबीआई के संबंधित आरओ को भुगतान की जाने वाली राशि एवं समय-सीमा निर्दिष्ट होगी।

  5. एक बार एलएसएफ राशि प्राप्त हो जाने के बाद, संबंधित आरओ फर्म्स पोर्टल में स्थिति को अपडेट करेगा और अपडेट की गई स्थिति आवेदक को सिस्टम जनित ई-मेल के माध्यम से सूचित की जाएगी, जिसे फर्म्स पोर्टल में भी देखा जा सकेगा।

  6. तीन साल से अधिक के विलंब के साथ प्रस्तुत फॉर्मों को एडी बैंक उल्लंघन की कंपाउंडिंग के अधीन अनुमोदन प्रदान करेगा। तदुपरांत, आवेदक कंपाउंडिंग आवेदन के साथ आरबीआई से संपर्क कर सकता है।

  7. फॉर्मों को अनुमोदन न देने के संबंध में एडी बैंक की टिप्पणियों, यदि कोई हों, से आवेदक को एक सिस्टम जनित ई-मेल के माध्यम से अवगत कराया जाएगा और इसे फर्म्स पोर्टल में भी देखा जा सकेगा।

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