प्रतिभूति बाज़ारों में मूलभूत सेवा प्रदान करनेवाली कंपनियों में विदेशी निवेश - विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रतिभूति बाज़ारों में मूलभूत सेवा प्रदान करनेवाली कंपनियों में विदेशी निवेश - विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन
आरबीआइ/2006-07/218 दिसंबर 22, 2006 सेवा में महोदया/महोदय, प्रतिभूति बाज़ारों में मूलभूत सेवा प्रदान करनेवाली कंपनियों में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित और समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची I की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. भारत सरकार से परामर्श करके यह निर्णय लिया गया है कि सेबी विनियमावली के अनुपालन तथा निम्नलिखित शर्तों के अधीन, प्रतिभूति बाज़ारों में मूलभूत सेवा प्रदान करनेवाली कंपनियें अर्थात् स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉज़िटरीज़ और क्लियरिडग कॉर्पोरेशन्स में विदेशी निवेश की अनुमति दी जाए : i) इन कंपनियों में अलग से 26 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सीमा और 23 प्रतिशत विदेशी संस्थागत निवेश सीमा के साथ 49 प्रतिशत तक की विदेशी निवेश की अनुमति दी जाएगी; ii) विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की विशिष्ट पूर्वानुमति से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति दी जाएगी; तथा iii) विदेशी संस्थागत निवेश केवल गौण बाज़ार में खरीद के माध्यम से अनुमत होंगे। 3. प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |