प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) योजना के तहत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) क्षेत्र में विदेशी निवेश - स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) योजना के तहत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) क्षेत्र में विदेशी निवेश - स्पष्टीकरण
भारिबैंक/2011-12/562 15 मई 2012 सभी श्रेणी-Iप्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) योजना के तहत गैर-बैंकिंग प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 8 मई 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 121 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. भारतीय रिज़र्व बैंक को यह स्पष्टीकरण जारी करने के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि क्या उल्लिखित परिपत्र के पैरा 3 के अनुसार परिचालनगत पट्टे (operating leasing) अनुमति योग्य नहीं होंगे । 3. यह स्पष्ट किया जाता है कि 'पट्टा और वित्त' गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की अठारह गतिविधियों में से एक है, जिसमें स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत, न्यूनतम पूंजीकरण मानदंडों की शर्त के अधीन, 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए अनुमति दी गयी है, और जहाँ तक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्षेत्र का संबंध है केवल वित्तीय पट्टे (financial leasing) इसमें कवर होते हैं तथा परिचालनगत पट्टे (operating leasing) कवर नहीं होते हैं । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/ घटकों को अवगत करायें । 5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किये जा रहे हैं । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |