भारत में विदेशी निवेश - अचल संपत्ति का अभिग्रहण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी निवेश - अचल संपत्ति का अभिग्रहण
भारतीय रिज़र्व बैंक एपी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 43 दिसंबर 8, 2003 प्रति, विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय भारत में विदेशी निवेश - अचल संपत्ति का अभिग्रहण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित रिज़र्व बैंक की मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 21/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अभिग्रहण / अंतरण ) विनियमावली 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है जो विदेशी कंपनियों /भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा अचल संपत्ति के अभिग्रहण और अंतरण से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) 1999 के प्रावधानों को लागू करने के लिए है। भवदीय अनुलग्नक :-यथोक्त (एपी.डीआइआर सिरीज - परिपत्र 43- भारत में विदेशी निवेश - अचल संपत्ति के अभिग्रहण के 1. भारत में अचल संपत्ति का अभिग्रहण तथा अंतरण (i) भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा अभिग्रहण भारत से बाहर का कोई निवासी व्यक्ति जो भारतीय नागरिक है, भारत में कृषि / बागान / फार्म हाऊस के सिवाय किसी भी अचल संपत्ति का अभिग्रहण कर सकता है । (ii) अंतरण के माध्यम से अभिग्रहण भारत के बाहर रहने वाला व्यक्ति कृषि या बागान संपत्ति या फार्म हाऊस के सिवाय किसी भी अचल संपत्ति का अंतरण भारत के निवासी किसी व्यक्ति को या भारत के बाहर के किसी निवासी व्यक्ति को जो भारत का नागरिक हो या भारतीय मूल के व्यक्ति को कर सकता है । लेकिन, वह केवल स्थायी रूप में भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक को ही कृषि भूमि / बागान संपत्ति / फार्म हाऊस हस्तांतरित कर सकता है । भारतीय मूल का व्यक्ति कृषि /फार्म हाऊस / बागान संपत्ति के सिवाय भारत की किसी भी अचल संपत्ति को भारत के निवासी व्यक्ति को बिक्री द्वारा और भारत में स्थायी निवास करने वाले भारतीय नागरिक को उपहार या बिक्री के जरिए कृषि भूमि / बाग़ान संपत्ति/ फार्म हाऊस हस्तांतरित कर सकता है । वह भारत के निवासी व्यक्ति को या भारत के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिक को या भारत के बाहर रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को भी भारत स्थित आवासीय या वाणिज्यिक संपत्ति हस्तांरित कर सकता है । (iii) उपहार द्वारा अभिग्रहण भारत के बाहर रहनेवाला भारतीय मूल का व्यक्ति कृषि भूमि / फार्म हाऊस / बागान संपत्ति के सिवाय कोई भी अचल संपत्ति खरीद या उपहार के माध्यम से और कोई भी अचल संपत्ति विरासत के रूप में अधिग्रहण कर सकता है । संपत्ति के अभिग्रहण के लिए निधियां विदेश से या किसी भी अनिवासी खाते जैसे निवेशक के एनआरई/एफसीएनआर/एनआरओ खाते के नाम डाल कर लायी जायेंगी । भारत के निवासी व्यक्ति या भारत से बाहर रहने वाले व्यक्ति से, जो भारतीय नागरिक है या भारत से बाहर रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति से द्वारा उपहार स्वीकार किया जा सकता है। (iv) विरासत के रूप में अभिग्रहण भारतीय मूल का व्यक्ति भारत के निवासी व्यक्ति या भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति से विरासत के रूप में अचल संपत्ति का अभिग्रहण कर सकता है बशर्ते उसने ऐसी संपत्ति का अभिग्रहण उस समय प्रचलित विदेशी मुद्रा कानून / विनियमावली के अनुसार किया हो । 2. विदेशी दूतावासों /राजनायकों / कंसुलेट जनरल द्वारा अचल संपत्ति की खरीद / बिक्री विदेशी दूतावासों/राजनायकों/कंसुलेट जनरल को कृषि-भूमि / बागान संपत्ति / फार्म हाऊस के अलावा अन्य की खरीद / बिक्री की अनुमति है बशर्ते कि (i) भारत सरकार, विदेश मंत्रालय से ऐसी खरीद / बिक्री के लिए अनुमोदन प्राप्त किया हो, और (ii) भारत में अचल संपत्ति के अभिग्रहण का प्रतिफल विदेश से बैंकिग माध्यमों द्वारा निधियों के प्रेषण से किया गया हो। 3. स्वीकृत कार्यकलाप के हेतु परिसंपत्ति का अभिग्रहण भारत के बाहर रहने वाला व्यक्ति जिसकी शाखा, कार्यालय या कारोबार के अन्य स्थान (संपर्क कार्यालय को छोड़कर) को भारत में कारोबार करने के लिए आवश्यक अनुमति है वह भारत में अचल संपत्ति अधिगृहीत कर सकता है जिसकी उसे आवश्यकता है और ऐसे कार्यकलाप को पूरा करने के लिए प्रासंगिक है बशर्ते उस समय लागू सभी कानून, नियम, विनियमों या निदेशों का विधिवत अनुपालन किया जाता है। ऐसे अधिग्रहण के 90 दिनों के भीतर संस्था / संबधित व्यक्ति को भारिबैंक के पास फार्म आइपीआइ में घोषणा दर्ज करनी होगा । किसी भी प्रकार के उधार के लिए जमानत के रूप में अचल संपत्ति का बंधक के रूप में हस्तांरण करने के लिए अनिवासी व्यक्ति पात्र है । 4. बिक्री आय का प्रत्यावर्तन प्राधिकृत व्यापारी भारत की कृषि भूमि / फार्म हाउस / बागान संपत्ति अथवा अचल संपत्ति के बिक्री आय के प्रत्यावर्तन को निम्नलिखित के अधीन अनुमति दे सकता है:- (i) बिक्रेता ने अचल संपत्ति का अधिग्रहण उस समय के प्रचलित विदेशी मुद्रा कानूनों या फेमा विनियमावली के प्रावधानों के अनुसार किया है ; (ii) प्रत्यावर्तन की रकम (क) अचल संपत्ति के अधिग्रहण पर भुगतान की गयी विदेशी मुद्रा की रकम सामान्य बैंकिग माध्यमों द्वारा या विदेशी मुद्रा अनिवासी खाते में जमा निधियों में से प्राप्त की गयी हो (ख) संपत्ति के अधिग्रहण के लिए भुगतान की गयी रकम, जहां भुगतान अनिवासी बाहय खाते में जमा निधियों से किया जाता है, भुगतान की तारीख को उसके समान विदेशी मुद्रा, से अधिक न हो। (iii) निवासी संपत्ति के मामले में बिक्री आय का प्रत्यावर्तन पर यह प्रतिबंध है कि वह ऐसे संपत्ति के लिए दो से अधिक न हो । (iv) प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीयों को /भारतीय मूल के व्यक्ति को उनके अनिवासी रुपया (एनआरओ) खाते में जमा राशि से प्रति कॅलेंडर वर्ष में एक मिलियन अमरीकी डॉलर तक प्रत्यावर्तन की सुविधा अचल संपत्ति के बिक्री आय सहित प्रदान कर सकते है बशर्ते वह प्रेषणकर्ता से एक वचनपत्र और सनदी लेखाकार से प्रत्यक्ष करों के केंद्रीय बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा निर्धारित फार्मेट में प्रमाणपत्र प्रस्तुत करे (नवम्बर 26, 2002 का एपीएडीआइ सिरिज परिपत्र सं. 56 संलग्न ) 5. कतिपय देशों के नागरिकों द्वारा भारत में अचल संपत्ति के पाकिस्तान, बांगलादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, चीन, ईरान, नेपाल या भूटान का कोई भी नागरिक भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन प्राप्त किए बिना भारत में किसी अचल संपत्ति का हस्तांतरण अथवा अधिग्रहण नहीं कर सकेगा, केवल पट्टे को छोड़कर जो पाँच वर्ष से अधिक न हो। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा.93/2003-आरबी जून 9, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अभिग्रहण विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा 3 के खंड (i) और धारा 47 की उप धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.21/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अभ्ग्रिहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2000 में निम्नलिखित संशोधिन करता है , नामत : , 1. नाम और प्रारंभ (i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अभिग्रहण और हस्तांतरण ) (संशोधन) विनियमावली, 2003 कहलाएगी । (ii) यह राकीय राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होगी । 2. विनियमावली में (संशोधन) विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अभिग्रहण और हस्तांतरण ) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 के बाद निम्नलिखित विनियम जोड़ा जाएगा : "5अ. विदेशी दूतावास/राजदूत /कॉन्सुलेट जनरलों द्वारा अचल संपत्ति की खरीद/विक्री विदेशी दूतावास/राजदूत /कॉन्सुलेट जनरल भारत में कृषि भूमि/वृक्षारोपण संपत्ति/फार्म हाउस के सिवाय अचल संपत्ति की खरीद/विक्री कर सकता है बशर्तें कि (i) ऐसी खरीद/विक्री के लिए भारत सरकार विदेश मंत्रालय से अनुमति प्राप्त की गई हो और (ii) भारत में अचल संपत्ति का अभिग्रहण बैंकिंग माध्यम से विदेश से प्राप्त निधियों से किया गया हो । " (कि.ज. उदेशी) |