विदेशी आवक विप्रेषण भुगातान प्रणाली लिखत को हटाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी आवक विप्रेषण भुगातान प्रणाली लिखत को हटाना
आर.बी.आइ/2004/96 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 78 13 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी आवक विप्रेषण भुगातान प्रणाली लिखत को हटाना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 के संलग्नक V की ओर आकष्रित किया जाता है। उसमें संकेत दिया गया है कि अतिरिक्त निदेशों का विचाराधीन मुद्दा, विदेशी आवक विप्रेषण भुगतान प्रणाली के संबंध में प्राधिकृत व्यापारियों को विदेशी मुद्रा नियंत्रण मैन्युअल के पैरा 3अ.5 के प्रावधानों द्वारा नियंत्रित किया जाना है। 2. भारतीय विदेशी मुद्रा व्यापारी संघ (एफईडीएआइ) से परामर्श करके विदेशी आवक विप्रषण भुगतान प्रणाली की प्रासंगिकता की समीक्षा की गई है तथा यह निर्णय किलय गया है कि चूंकि इलेक्ट्रॉनिक जमा और निधियों के ऑन-लाइन अंतरण के पिरणामस्वरूप बैंकों द्वारा विदेशी आवक विप्रेषण भुगतान प्रणाली लिखतों का उपयोग अब नहीं किया जा रहा है, अत: इसे समाप्त कर दिया जाए। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय ग्रेस कोशी |