वायदा दर करार (एफआरए) और ब्याज दर स्वैप (आइआरएस) – पाक्षिक विवरणी वापस लेना - आरबीआई - Reserve Bank of India
वायदा दर करार (एफआरए) और ब्याज दर स्वैप (आइआरएस) – पाक्षिक विवरणी वापस लेना
भारिबैं/2016-17/232 16 फरवरी 2017 सभी बाजार प्रतिभागी महोदया/महोदय, वायदा दर करार (एफआरए) और ब्याज दर स्वैप (आइआरएस) – पाक्षिक विवरणी वापस लेना आरबीआई अधिसूचना सं.एमपीडी.बीसी.187/07.01.279/1999-2000 दिनांक 07 जुलाई 1999 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है । अधिसूचना के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे एफआरए/ आइआरएस के संबंध में एक पाक्षिक विवरणी मौद्रिक नीति विभाग को प्रस्तुत करें और उसकी प्रतिलिपि आरबीआई के विभिन्न विभागों को दें । 2. विवरणियों को युक्तिसंगत बनाने के लिए अगले कदम के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि उक्त विवरणी को अविलंब वापस लिया जाये । इसके द्वारा बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे आरबीआई को उक्त विवरणी की हार्ड कॉपी भेजना बंद कर दें । 3. सीसीआइएल द्वारा संचालित ट्रेड रिपोजिटरी को ओटीसी विदेशी मुद्रा एवं ब्याज दर डेरिवेटिव लेन देनों की रिपोर्ट करने की वर्तमान क्रियाविधि, जैसाकि हमारे परिपत्र सं.एफएमडी.एमएसआरजी. सं.67/02.05.002/2011-12 दिनांक 09 मार्च 2012 (समय समय पर यथासंशोधित) में अधिकथित है, जारी रहेगी । 4. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश आरबीआई द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45डब्लू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और उन सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जो इसके लिए उसे समर्थ बनाती हैं, जारी किये गये हैं । (टी.रबिशंकर) |