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चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 - परिपक्‍वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता

आरबीआई/2014-15/254
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 42/21.04.141/2014-15

7 अक्तूबर 2014

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 - परिपक्‍वता तक धारित
श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता

कृपया 30 सितंबर 2014 को घोषित चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 का पैराग्राफ 25 देखें (उद्धरण संलग्‍न)।

2. ‘मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 - परिपक्‍वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता' पर 5 अगस्‍त 2014 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 30/21.04.141/2014-15 के अनुसार 9 अगस्त 2014 से बैंकों को अनुमति दी गई थी कि वे परिपक्‍वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश की 25 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश कर सकते हैं, बशर्ते अतिरिक्‍त निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों में हो तथा एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को बैंकों की निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 24.00 प्रतिशत से अधिक न हो ।

3. सरकारी प्रतिभूति बाजार को और विकसित करने तथा चलनिधि में वृद्दि करने के उद्देश्य से, यह निर्णय लिया गया है कि, एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर प्रतिभूतियों की उच्चतम सीमा को एनडीटीएल के 24 प्रतिशत से धीरे-धीरे घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया जाए । तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि :

(i) बैंकों को अनुमति दी जाती है कि वे एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश की 25 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश कर सकते हैं, बशर्ते-

  1. ऐसा अतिरिक्‍त निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों में हो, तथा

  2. परिपक्‍वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को उनकी मांग और मीयादी देयताओं (डीटीएल) के, 10 जनवरी 2015 से 23.5 प्रतिशत, 4 अप्रैल 2015 से 23.0 प्रतिशत, 11 जुलाई 2015 से 22.5 प्रतिशत तथा 19 सितंबर 2015 से 22.0 प्रतिशत से अधिक न हों।

4. मौजूदा अनुदेशों के अनुसार, बैंक अपने निदेशक मंडल की अनुमति से परिपक्‍वता तक धारित श्रेणी में/से निवेश वर्ष में एक बार अंतरित कर सकते हैं तथा ऐसे अंतरण सामान्‍यतया लेखा वर्ष के आरंभ में करने की अनुमति दी जाएगी। उपर्युक्त पैरा 3 में बताए गए अनुसार बैंक अपनी अतिरिक्‍त एसएलआर प्रतिभूतियां एचटीएम श्रेणी से एएफएस/एचएफटी श्रेणी में अंतरित कर सकें इसके लिए जनवरी, जुलाई और सितंबर 2015 की शुरुआत में अतिरिक्त प्रतिभूतियों के ऐसे अंतरण की अनुमति दिए जाने का निर्णय लिया गया है । यह अनुमति लेखा वर्ष की शुरुआत अर्थात अप्रैल,2015 में दी जाने वाली अंतरण की अनुमति के अतिरिक्त होगी। “बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्‍यांकन और परिचालन पर विवेकपूर्ण मानदंड” पर जारी मास्‍टर परिपत्र के पैरा 2.3 (ii) के अंतर्गत एचटीएम श्रेणी से/में प्रतिभूतियों की बिक्री और अंतरण के मूल्‍य पर निर्धारित 5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा में एएफएस/एचएफटी श्रेणी में किए गए ऐसे अंतरण को शामिल नहीं किया जाएगा।

भवदीय

(सुदर्शन सेन)
प्रभारी मुख्‍य महाप्रबंधक


डॉ. रघुराम जी. राजन, गवर्नर द्वारा 30 सितंबर 2014 को घोषित चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य ,
2014-15 में सेउद्धरण

25. सरकारी प्रतिभूति बाजार को विकसित करने और चलनिधि को बढ़ाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि :

  • एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर प्रतिभूतियों की उच्चतम सीमा को एनडीटीएल के 24 प्रतिशत से धीरे-धीरे घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया जाए अर्थात 10 जनवरी 2015 से शुरू होने वाले पखवाड़े से 23.5 प्रतिशत, 4 अप्रैल 2015 से शुरू होने वाले पखवाड़े से 23.0 प्रतिशत, 11 जुलाई 2015 शुरू होने वाले पखवाड़े से 22.5 प्रतिशत और 19 सितम्बर 2015 से शुरू होने वाले पखवाड़े से 22.00 प्रतिशत।

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