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क्रेडिट सूचना के विलंबित अपडेशन/सुधार के लिए ग्राहकों को मुआवजे की रूपरेखा

आरबीआई/2023-24/72
विवि.एफ़आईएन.आरईसी.48/20.16.003/2023-24

26 अक्तूबर, 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (सभी लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित, और भुगतान बैंकों को छोड़कर)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित)
अखिल भारतीय वित्तीय कंपनियां (एक्सिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफ़आईडी)
सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां
सभी क्रेडिट सूचना कंपनियां

महोदय / महोदया,

क्रेडिट सूचना के विलंबित अपडेशन/सुधार के लिए ग्राहकों को मुआवजे की रूपरेखा

कृपया 6 अप्रैल 2023 के द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2023-24 के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैरा 4 का संदर्भ ले, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह घोषणा की गई थी कि क्रेडिट संस्थानों (सीआई) और क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) द्वारा ऋण सूचना के विलंबित अपडेशन/सुधार के लिए मुआवजा तंत्र स्थापित किया जाएगा।

2. तदनुसार, ऋण सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसीआरए, 2005) की धारा 11 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक सीआईसी और सीआई को निर्देश देता है कि वे सीआई और सीआईसी द्वारा क्रेडिट सूचना के विलंबित अपडेशन/सुधार के लिए निम्नानुसार मुआवजा रूपरेखा कार्यान्वित करें:

(ए) सीआईसी/सीआई के पास शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत दर्ज करने की तारीख से तीस (30) कैलेंडर दिवसों की अवधि के भीतर उनकी शिकायत का समाधान नहीं होने पर शिकायतकर्ता प्रति कैलेंडर दिवस 100 के मुआवजे के हकदार होंगे।

स्पष्टीकरण :

(i) सीआईसीआरए, 2005 की धारा 21 (3) में प्रावधान है कि शिकायतकर्ता सीआईसी या सीआई से उचित संशोधन, परिवर्धन या अन्यथा, क्रेडिट जानकारी को अपडेट करने का अनुरोध कर सकता है, और ऐसे अनुरोध पर सीआई या सीआईसी अनुरोध किए जाने के तीस (30) दिनों के भीतर क्रेडिट जानकारी को अपडेट करने के लिए कदम उठाएगा।

(ii) सीआईसी नियमावली, 2006 के नियम 20 (3) (सी) में प्रावधान है कि सीआई क्रेडिट सूचना में अशुद्धि के बारे में सीआई को सूचित किए जाने की तारीख से इक्कीस (21) दिनों की अवधि के भीतर सीआईसी या शिकायतकर्ता को क्रेडिट जानकारी के सही विवरण अग्रेषित करेगा।

(iii) सीआईसीआरए, 2005 की धारा 21 (3) और क्रेडिट सूचना कंपनी नियम, 2006 के नियम 20 (3) (सी) मिलकर सीआई और सीआईसी को संयुक्त रूप से शिकायत के समाधान/निपटान के लिए तीस (30) दिनों की समग्र सीमा प्रदान करती है। वास्तव में, इसका अभिप्राय यह होगा कि एक सीआई को इक्कीस (21) दिन मिलेंगे और सीआईसी को प्रभावी रूप से शिकायत के पूर्ण समाधान के लिए शेष नौ (9) दिन मिलेंगे।

(बी) यदि सीआई शिकायतकर्ता या सीआईसी द्वारा सूचित किए जाने के इक्कीस (21) कैलेंडर दिनों के भीतर उचित संशोधन या परिवर्धन करके या अन्यथा, अद्यतन क्रेडिट जानकारी सीआईसी को भेजने में विफल रहता है तो सीआई शिकायतकर्ता को मुआवजे का भुगतान करेगा।

(सी) सीआई ने शिकायतकर्ता या सीआईसी द्वारा सूचित किए जाने के इक्कीस (21) कैलेंडर दिनों के भीतर सीआईसी को अद्यतन क्रेडिट जानकारी प्रस्तुत करने के बावजूद यदि सीआईसी शिकायतकर्ता या सीआई द्वारा सूचित किए जाने के तीस (30) कैलेंडर दिनों के भीतर शिकायत का समाधान करने में विफल रहा है, तो सीआईसी शिकायतकर्ता को मुआवजा देगा।

(डी) सीआई/सीआईसी द्वारा शिकायतकर्ता को सभी मामलों में शिकायत पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी, जिसमें वे मामले भी शामिल होंगे जहां शिकायत को अस्वीकार कर दिया गया हो। अस्वीकार किए गए मामलों में, सीआई और सीआईसी द्वारा अस्वीकृति के कारण भी प्रदान किए जाएंगे।

(ई) सीआईसी/सीआई द्वारा शिकायतकर्ता को प्रदान किए जाने वाले मुआवजे (शिकायत दर्ज करने के तीस (30) कैलेंडर दिनों से अधिक देरी के लिए) को संबंधित सीआई/सीआईसी के बीच आनुपातिक रूप से विभाजित किया जाएगा। इसके व्याख्यात्मक उदाहरण अनुबंध में दिए गए हैं।

(एफ) जहां शिकायत/शिकायत में एक से अधिक सीआई द्वारा प्रदान की गई गलत क्रेडिट जानकारी शामिल है, शिकायतकर्ता द्वारा संबंधित सीआईसी में शिकायत दर्ज की जाएगी। सीआईसी सभी संबंधित सीआई के साथ समन्वय करेगा और शिकायतकर्ता को शिकायत का व्यापक समाधान प्रस्तुत करेगा।

(जी) जहां सीआईसी द्वारा शिकायत प्राप्त तथा दर्ज की गई है और शिकायत के समाधान में देरी हो जाती है, तो अंतिम समाधान के बाद सीआईसी सभी संबन्धित सीआई(ओं) और शिकायतकर्ता को कुल देरी (कैलेंडर दिनों में) तथा सीआई(ओं) और/या सीआईसी द्वारा भुगतान की जानेवाली मुआवजे की राशि के बारे में सूचित करेगा।

(एच) जहां शिकायत सीआई द्वारा प्राप्त और पंजीकृत की गई है और शिकायत के समाधान में देरी हुई है, सीआई अंतिम समाधान के बाद संबंधित सीआईसी और शिकायतकर्ता को कुल देरी (कैलेंडर दिनों में) तथा सीआई और/या सीआईसी द्वारा भुगतान की जानेवाली मुआवजे की राशि के बारें में सूचित करेगा।

(आई) शिकायत के समाधान की तारीख वह तारीख होगी जब सीआईसी या सीआई द्वारा शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान किए गए डाक पते या ईमेल आईडी पर संशोधित क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (सीआईआर) भेजी गई है।

(जे) सीआईसी/सीआई द्वारा शिकायतकर्ता को मुआवजा राशि जमा करने के लिए संपर्क विवरण, ईमेल आईडी और बैंक खाता विवरण/यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आईडी जमा करने में सक्षम बनाने के लिए अपने शिकायत प्रस्तुतीकरण प्रारूप (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) में उचित प्रावधान करने होंगे। सटीक विवरण प्रदान करने का दायित्व शिकायतकर्ता पर होगा और शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान की गई किसी भी गलत जानकारी के लिए सीआई/सीआईसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।

(के) शिकायत के निपटान के पांच (5) कार्य दिवसों के भीतर मुआवजे की राशि शिकायतकर्ता के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।

(एल) सीआई अथवा सीआईसी द्वारा गलत तरीके से मुआवजे से इनकार किए जाने के मामले में शिकायतकर्ता रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 के अंतर्गत आरबीआई लोकपाल से संपर्क कर सकता है।

(एम) जिस सीआई को अभी तक रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 के तहत शामिल नहीं किया गया है, उस सीआई द्वारा गलत तरीके से मुआवजे से इनकार किए जाने के मामले में, शिकायतकर्ता द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों (आरओ) में कार्यरत उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण कक्ष (सीईपीसी) से संपर्क किया जा सकता है।

(एन) गैर-प्रयोज्यता: मुआवजे की रूपरेखा निम्नलिखित मामलों में लागू नहीं होगी:

(i) ऐसे विवाद जिनके लिए सीआईसीआरए, 2005 की धारा 18 के तहत समाधान प्रदान किए गए हैं। सीआईसीआरए, 2005 की धारा 18 में यह प्रावधान किया गया है कि क्रेडिट सूचना से संबंधित मामलों पर सीआईसी, सीआई, उधारकर्ताओं और ग्राहकों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों के लिए और जिसके लिए सीआईसीआरए, 2005 के तहत कोई समाधान प्रदान नहीं किया गया है, तो ऐसे विवादों को सुलह या मध्यस्थता द्वारा निपटाया जाएगा जैसा कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 में प्रावधान प्रदान किया गया है।

(ii) निम्नलिखित से संबंधित शिकायतें/संदर्भ - (ए) आंतरिक प्रशासन, (बी) मानव संसाधन, (सी) कर्मचारियों का वेतन और परिलब्धियाँ, और (डी) संदर्भ जो सुझाव के रूप में या सीआईसी/सीआई के वाणिज्यिक निर्णयों के संबंध में हैं।

(iii) क्रेडिट स्कोर मॉडल /क्रेडिट स्कोर की गणना के संबंध में विवादों/शिकायतों से संबंधित शिकायतें।

(iv) ऐसी शिकायतें जिनका निर्णय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, न्यायालयों, न्यायाधिकरणों आदि जैसे अन्य मंचों पर किया जा चुका है या पहले से ही लंबित हैं।

3. मुआवज़े की रूपरेखा (ढांचा) इस परिपत्र की तारीख से छह (6) महीने बाद प्रभावी होगी। सीआईसी और सीआई को निर्देशित किया जाता है कि वे इस अवधि के भीतर मुआवजा रूपरेखा को लागू करने के लिए आवश्यक प्रणाली और प्रक्रियाएं स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ।

4. ऐसे सीआईसी और सीआई जो उपर्युक्त निर्देशों का उल्लंघन करते हैं या अनुपालन में चूक करते हैं, वे सीआईसीआरए, 2005 के प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।

भवदीय,

(आर. लक्ष्मी कांत राव)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न – अनुबंध

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