आरबीआई/2015-16/295 डीबीएस.सीओ.सीएफएमसी.बीसी.सं.007/23.04.001/2015-16 21 जनवरी, 2016 अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) स्थानीय क्षेत्र बैंक /चुनिंदावित्तीयसंस्थाएं महोदय / महोदया धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग तथा निगरानी 1. केंद्रीय धोखाधड़ी रजिस्ट्री (सीएफ़आर) का क्रियान्वयन 1.1 जैसा कि आप जानते हैं, गवर्नर महोदय ने अपने चौथे द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 के पैरा 22 में निम्नानुसार घोषणा की थी: “धोखाधड़ियों की जल्द पहचान करने की प्रणाली के साथ ही साथ एक केंद्रीय धोखाधड़ी रजिस्ट्री की स्थापना करने का भी प्रस्ताव है ताकि बैंकों को एक केंद्रीकृत डाटाबेस मिल सके जहां से वे अपनी आवश्यकतानुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।” 1.2 तदनुसार, एक केंद्रीय धोखाधड़ी रजिस्ट्री (सीएफ़आर) 20 जनवरी, 2016 से आरंभ हो चुकी है। इस बीच इसके उपयोग से संबंधित परिचालनगत अनुदेश बैंकों को जारी कर दिए गए हैं। 2. धोखाधड़ी संबंधी मामलों की रिपोर्टिंग की सीमाओं में संशोधन 2.1 हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों/केंद्रीय धोखाधड़ी निगरानी कक्ष (सीएफ़एमसी) को की जानेवाली धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रणाली की समीक्षा की गई और उसमें कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया गया। तदनुसार, अब से (क) 0.1 मिलियन रुपए या उससे अधिक लेकिन 50 मिलियन रुपए से कम की धोखाधड़ियों की निगरानी उस बैंक के एसएसएम द्वारा अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की जाएगी जिसके क्षेत्राधिकार में बैंक का प्रधान कार्यालय आता है। 50 मिलियन रुपए या उससे अधिक की धोखाधड़ियों की निगरानी सीएफ़एमसी, बेंगलुरु द्वारा की जाएगी, और (ख) मौजूदा 10 मिलियन रुपए या उससे अधिक के स्थान पर 50 मिलियन रुपए या उससे अधिक की धोखाधड़ी के मामलों में, फ्लैश रिपोर्ट प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, केंद्रीय कार्यालय को भेजी जानी है तथा इसकी प्रतिलिपि सीएफ़एमसी, बेंगलुरु को भेजी जानी है। 2.2 इसके अतिरिक्त, यह भी निर्णय लिया गया है कि अब से बैंकों/वित्तीय संस्थानों को एफ़एमआर-1 विवरणी की हार्ड कॉपी भेजने की जरूरत नहीं है। इसके बदले एक मासिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए जिसमें यह उल्लेख किया जाए कि 0.1 मिलियन रुपए या उससे अधिक की सभी धोखाधड़ियों की सॉफ्ट कॉपी, जिसे हर माह भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत किया जाना है, को ई-मेल पर भेज दिया गया है। उक्त प्रमाण पत्र में क्रमवार धोखाधड़ी की संख्या, पार्टी का नाम, उसमें शामिल राशि और भारतीय रिज़र्व बैंक को सॉफ्ट कॉपी भेजने की तारीख का उल्लेख होना चाहिए। उक्त प्रमाण पत्र माह की समाप्ति के 7 दिन के अंदर सीएफ़एमसी, बेंगलुरु को भेज दिया जाए तथा उसकी प्रतिलिपि बैंक के एसएसएम / भारतीय रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय को भेजी जाए जिसके क्षेत्राधिकार में बैंक का प्रधान कार्यालय आता है। प्रमाणपत्र का फार्मेट अनुबंध-1 में दिया गया है। 2.3. उपरोक्त परिवर्तन तुरंत प्रभावी होंगे। धोखाधड़ी – वर्गीकरण तथा रिपोर्टिंग पर जारी मास्टर परिपत्र में संशोधन कर दिया गया है (संबंधित परिवर्तन अनुबंध-2 में दिए गए हैं) और संशोधित मास्टर परिपत्र शीघ्र ही बैंक की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। 2.4. दिनांक 01 जुलाई, 2015 के उक्त मास्टर परिपत्र के अन्य सभी अनुदेश यथावत बने रहेंगे। भवदीय (मनोज शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध -1 एफ़एमआर-1 के माध्यम से धोखाधड़ी के मामलों की प्रस्तुति से संबंधित मासिक प्रमाण पत्र बैंक का नाम: दिनांक : .............. माह का प्रमाण पत्र यह प्रमाणित किया जाता है कि .................. माह के दौरान नीचे दिए गए अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट किए जानेवाले धोखाधड़ी के मामलों की सॉफ्ट कॉपी भारतीय रिज़र्व बैंक को ई-मेल के माध्यम से भेजी जा चुकी है।
क्रम संख्या |
धोखाधड़ी संख्या |
पार्टी का नाम |
शामिल राशि (लाख रुपए में) |
भेजने की तारीख |
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हस्ताक्षर: प्राधिकृत अधिकारी का नाम एवं पदनाम:
अनुबंध -2 धोखाधड़ी – वर्गीकरण तथा रिपोर्टिंग पर मास्टर परिपत्र में किए गए परिवर्तन (मास्टर परिपत्र के पैरा 3.1 में दी गई तालिका में किए गए परिवर्तन) परिवर्तनों को संबंधित खाने (cell) में “मौजूदा’’ तथा “संशोधित’’ टिप्पणी के साथ दर्शाया गया है
विवरणी का नाम |
धोखाधड़ी में शामिल राशि |
सूचित करने का माध्यम |
किसे रिपोर्ट किया जाना है |
रिपोर्टिंग की समय सीमा |
टिप्पणी |
एफ़एमआर 1
वास्तविक और संदेहास्पद धोखाधड़ी पर रिपोर्ट विवरणी का फॉर्मेट मास्टर परिपत्र के अनुबंध III में दिया गया है
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0.1 मिलियन रुपए और उससे अधिक की राशि वाले धोखाधड़ी के मामले
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सॉफ्ट कॉपी
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केंद्रीय धोखाधड़ी निगरानी कक्ष (CFMC), बेंगलुरु
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पता चलने के तीन सप्ताह के भीतर
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कोई परिवर्तन नहीं
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- वही -
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0.1 मिलियन रुपए और उससे अधिक तथा 5 मिलियन रुपए से कम
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मौजूदा
हार्ड कॉपी
संशोधित
भेजने की आवश्यकता नहीं
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1. बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय को जिसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत वह शाखा स्थित है जहां धोखाधड़ी हुई है ।
2. क्षेत्रीय कार्यालय, डीबीएस/ एसबीएमडी को जिसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत धोखाधड़ी वाले बैंक का प्रधान कार्यालय स्थित है अथवा बैंक के एसएसएम को
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- वही -
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हार्ड कॉपी भेजने की व्यवस्था बंद कर दी गई है
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-वही -
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5 मिलियन रुपए और उससे अधिक राशि की धोखाधड़ी वाले मामले
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मौजूदा
हार्ड कॉपी
संशोधित
भेजने की आवश्यकता नहीं
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1. सीएफ़एमसी, बेंगलुरु
2. क्षेत्रीय कार्यालय (डीबीएस)/ एसबीएमडी जिसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत बैंक का प्रधान कार्यालय आता है अथवा बैंक का एसएसएम
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-वही -
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हार्ड कॉपी भेजने की व्यवस्था बंद कर दी गई है
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मौजूदा
फ्लैश रिपोर्ट (एफ़एमआर 1 के अलावा)
संशोधित
50 मिलियन रुपए और उससे अधिक राशि की धोखाधड़ी के लिए फ्लैश रिपोर्ट
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मौजूदा
10 मिलियन रुपए और उससे अधिक की धोखाधड़ी के लिए
संशोधित
50 मिलियन रुपए और उससे अधिक राशि की धोखाधड़ी के लिए
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हार्ड कॉपी
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मौजूदा
1. प्रधान/प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को संबोधित एक अर्ध शासकीय पत्र के माध्यम से
2. प्रतिलिपि रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय को जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की धोखाधड़ी वाली शाखा कार्यरत है तथा आरबीआई (डीबीएस) के क्षेत्रीय कार्यालय/एसबीएमडी जिसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत बैंक का प्रधान कार्यालय आता है अथवा उस बैंक के एसएसएम को
संशोधित
प्रधान/प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को संबोधित एक अर्ध शासकीय पत्र के माध्यम से जिसकी एक प्रतिलिपि सीएफ़एमसी, बेंगलुरु को भेजी जाए
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ऐसी धोखाधड़ी के बैंक के प्रधान कार्यालय के ध्यान में आने के एक सप्ताह के भीतर
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धोखाधड़ी में शामिल राशि, धोखाधड़ी का स्वरूप, उसकी संक्षिप्त कार्य प्रणाली, शाखा/ कार्यालय का नाम, शामिल पार्टियों के नाम, उनका गठन, मालिकों/ भागीदारों तथा निदेशकों के नाम, शामिल अधिकारियों के नाम तथा पुलिस/ सीबीआई में शिकायत दर्ज करना शामिल किया जाना चाहिए
[50 मिलियन रुपए और उससे अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में फ्लैश रिपोर्ट (हार्ड कॉपी) प्रधान/ प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को भेजी जाए तथा उसकी एक प्रतिलिपि सीएफ़एमसी, बेंगलुरु को भेजी जाए]
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एफ़एमआर 2
विवरणी का फॉर्मेट मास्टर परिपत्र के अनुबंध III में दिया गया है
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धोखाधड़ी के लंबित मामलों पर तिमाही रिपोर्ट
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केवल सॉफ्ट कॉपी
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सीएफ़एमसी, बेंगलुरु
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संबंधित तिमाही की समाप्ति के 15 दिनों के भीतर
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यदि धोखाधड़ी का कोई मामला लंबित नहीं है तो ‘शून्य’ रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए
(कोई परिवर्तन नहीं)
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एफ़एमआर 3
विवरणी का फॉर्मेट मास्टर परिपत्र के अनुबंध III में दिया गया है
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0.1 मिलियन रुपए तथा उससे अधिक राशिवाले धोखाधड़ी के मामलों की केस-वार तिमाही प्रगति रिपोर्ट
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केवल सॉफ्ट कॉपी
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सीएफ़एमसी, बेंगलुरु
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संबंधित तिमाही की समाप्ति के 15 दिनों के भीतर
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यदि 0.1 मिलियन रुपए से अधिक राशिवाले धोखाधड़ी के कोई मामले लंबित नहीं हैं तो ‘शून्य’ रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए
(कोई परिवर्तन नहीं)
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