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जमा योजनाओं की पूर्ण परिवर्तनीयता - अनिवासी भारतीय

भारतीय रिज़र्व बैंक
(विदेशी मुद्रा विभाग)
केद्रीय कार्यालय
मुंबई - 400 001

ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 28

4 मार्च 2002

प्रति

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

प्रिय महोदय, /महोदया

जमा योजनाओं की पूर्ण परिवर्तनीयता - अनिवासी भारतीय

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 5/2000-आरबी के अधीन अधिसूचित "विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000" की ओर आकृष्ट किया जाता है। विनियम 5 के उप विनियम 1(iv) और (v) के अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों/प्राधिकृत बैंकों को भारत के बाहर निवास करनेवाले व्यक्तियों से उक्त अधिनियम के क्रमश: 4 और 5 अनुसूचियों में विनिर्दिष्ट अनिवासी (अप्रत्यावर्तनीय) रुपया खाता योजना (एनआरएनआर खाता) और अनिवासी (विशेष) रुपया खाता (एनआरएसआर खाता) के अंतर्गत जमाराशियाँ स्वीकृत करने की अनुमति दी गई है।

2. अनिवासी भारतीयों के लिए जमा योजनाओं की पूर्ण परिवर्तनीयता मुहैय्या करने और वर्तमान अनिवासी जमायोजनाओं का यौक्तिकीकरण के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि 1 अङ्रैल 2002 से एनआरएनआर खाता और एनआरएसआर खाता योजनाओं को बंद किया जाएं। तदनुसार 1 अप्रैल 2002 से

क) प्राधिकृत व्यापारी /प्राधिकृत बैंक को उक्त दोनों योजनाओं के अंतर्गत नवीकरण के द्वारा अथवा अन्यथा कोई नये अमाराशियॉ स्वीकृत अथवा कोई नया खाता खोलना नहीं खोले।

ख) एनआरएनआर खाता के अंतर्गत वर्तमान खाते परिपक्वता की तिथि तक ही बने रहेंगे। एनआरएनआर खाता योजना के अंतर्गत जमाराशियों की परिपक्वता आगमों को खाताधारक को सूचना देने के बाद खाताधारकों के अनिवासी (विदेशी) रुपया खाता (एनआरई खाता) में जमा किये जायेंगे। इस प्रयोजनार्थ प्राधिकृत व्यापारियों और प्राधिकृत बैंकों को खाताधारक को परिपम्वता आगमों को उनके एनआरई खाते में जमा करने के बारे में एक सूचना देनी होगी। खाताधारकों को यह चयन करना होगा कि परिपक्वता आगमों को उनके एनआरई बचत बैंक खातेमें अथवा चालू खाते में जमा करें अथवा कोई नयी एनआरई सावधी जमा खाता खोला जाएं। प्राधिकृत व्यापारी अथवा प्राधिकृत बैंक खराताधारक के अनुरोध पर उनके एनआओ खाते में परिपक्वता आगमों को जमा करने की अनुमति भी दे सकते है। खाताधारक से प्रत्युत्तर प्राप्त न होने के मामले में एनआरएनआर खाता योजना के अंतर्गत जमाराशियों के परिपक्वता आगमों को एनआरई खातें मे जमा कर सकते है।

ग) एनआरएनआर खाते के अंतर्गत वर्तमान सावधि जमाराशियों को परिपम्वता तक बनाये रख सकते है और परिपक्वता आगमों को खाताधारक के अनिवासी (सामान्य) रुपया खाता (एनआरओ खाता) में जमा करना होगा।

घ) सावधि जमा के अलावा वर्तमान एनआरएनआर खातों को 30 सितम्बर 2002 के बाद बनाये नहीं रखना चाहिए और खाताधारक के विकल्प पर उसे समाप्त कर सकते है अथवा उसके शेष को उनके एनआरओ खाता में उस तिथि पर अथवा उसके पहले जमा कर सकते है। इस प्रयोजनार्थ एक सूचना खाताधारक को देनी होगी और प्रत्युत्तर न मिलने के मामले में उक्त एनआरएसआर खाता बंद कर सकते है और शेष खाताधारक के एनआरओ खाता में अंतरित कर सकते है।

3. जबकि परिपक्वता पूर्व आहरण के लिए खाताधारकों के लिए आजकल उपलब्ध सुविधाएं दोना योजनाओं के अंतर्गत सावधि जमाओं के परिपक्वतापूर्व समाप्ति की घटना में जारी रहेगी, तथापि आगमो के पुन: निवेश करने के लिए विकल्प खाताधारक के एनआओ खाता के लिए रोक होगा।

4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली 2000 में संशोधन करनेवाली 1 मार्च 2002 की अधिसूचना सं. फेमा 52/आरबी-2002 की प्रतिलिपि संलग्न है।

5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये।

6. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है।

भवदीय

सतीश कक्कर
मुख्य महाप्रबंधक

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