जी.एस.आर. सं. 869(ई) - 08.09.2016
भारतीय रिज़र्व बैंक 08 सितम्बर 2016 शुद्धिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2016 को जारी अधिसूचना सं.फेमा 5(आर)/2016-आरबी जो जी.एस.आर. सं. 389(ई) के मार्फत भारत सरकार के राजपत्र, असाधारण, भाग-II, खंड 3, उप-खंड (i) में प्रकाशित हुई थी (जिसे इसके पश्चात गज़ट अधिसूचना कहा गया है), में :- 2. अनुसूची 1 में, पैराग्राफ 6 के अंतर्गत, उप-पैराग्राफ (3) को निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा - "भारत के बाहर ऋण- प्राधिकृत व्यापारी भारत से बाहर स्थित अपनी शाखाओं/ कोरिस्पोंडेंट्स को जमाकर्ता के अनुरोध पर वास्तविक प्रयोजन के लिए अनिवासी जमाकर्ता को अथवा उसके पक्ष में अथवा किसी तीसरे पक्ष को, भारत में धारित उसके एनआरई खातों में उपलब्ध निधियों की ज़मानत पर ऋण देने की अनुमति दे सकते हैं तथा यदि आवश्यक हो तो बकाया राशि को चुकाने के लिए निधियों को भारत से विप्रेषित करने की भी सहमति दे सकते हैं।" 3. गज़ट अधिसूचना की अन्य विषयवस्तु अपरिवर्तित बनी रहेगी । (शेखर भटनागर) |
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