प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रूप में जनरल प्रयोजन क्रेडिट कार्ड और "नो - फ्रिल्स" खात ेमें ओवर-ड्राप्ट - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रूप में जनरल प्रयोजन क्रेडिट कार्ड और "नो - फ्रिल्स" खात ेमें ओवर-ड्राप्ट
आरबीआइ / 2007-08 / 313
आरपीसीडी.केका.प्लान.बीसी.सं. 66/04.09.01/2007-08
6 मई 2008
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
(सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
महोदय,
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रूप में
जनरल प्रयोजन क्रेडिट कार्ड और "नो - फ्रिल्स" खाते में ओवर-ड्राप्ट
कृपया दिनांक 27 दिसंबर 2005 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.केका.सं.आरआरबी.बीसी.59/ 03.05.33(एफ)/2005-06 देखें जिसमें सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि वे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपने ग्राहकों के लिए जनरल क्रेडिट कार्ड (जीसीसी) योजना शुरु करें ताकि सीमित बिक्री-स्थान मशीन (पीओएस) और सीमित स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) सुविधाओं वाले ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं आय निर्धारण और पारिवारिक इकाई के नकदी प्रवाह के आधार पर उपलब्ध हो सकें। इस संबंध में कृपया प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र देखें जिसके अनुसार जनरल क्रेडिट कार्ड (जीसीसी) के अंतर्गत सामान्य प्रयोजनों के लिए ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण का 50 प्रतिशत, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि क्षेत्र को अप्रत्यक्ष वित्त के रुप में वर्गीकरण हेतु पात्र है।
2. कृपया वित्तीय समावेशन पर दिनांक 11 नवंबर 2005 का परिपत्र बैंपविवि.सं.एलइजी. 44/09.07.005/2005-06 तथा दिनांक 27 दिसंबर 2005 का ग्राआऋवि.केका.सं. आरआरबी.बीसी. 58/03.55.33(एफ) / 2005-06 देखें जिनके द्वारा क्रमश: सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि वे "शून्य" अथवा बहुत कम शेष राशि और प्रभारों के साथ एक मूल बैंकिंग "नो - फ्रिल्स" खाता उपलब्ध कराएं ताकि आबादी के बड़े धभाग की ऐसे खातों तक पहुँच हो सके। कुछ बैंक इन "नो-फ्रिल्स" खातों में छोटी ओवर ड्राप्ट सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहे हैं।
3. इस संबंध में कृपया दिनांक 29 अप्रैल 2008 कोधवर्ष 2008-09 के लिए रिज़र्व बैंक के वार्षिक नीति वक्तव्य का पैरा सं. 150 देखें (पैरा की प्रतिलिपि संलग्न)।
4. वित्तीय समावेशन को और अधिक प्रोत्साहित करने हेतु ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकों जीसीसी के अंतर्गत बकाया ऋण का 100% तथा "नो-फ्रिल्स" खातों धके विरुद्ध प्रदान 25,000 रुपए (प्रति खाता) तक के ओवरड्राप्टों को तत्काल प्रभाव से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि क्षेत्र को अप्रत्यक्ष ऋण के रुप में वर्गीकृत कर सकते हैं।
5. कृपया उचित कार्रवाई के लिए अपने नियंत्रक कार्यालयों / शाखाओं को आवश्यक अनुदेश जारी करें।
6. कृपया प्राप्ति - सूचना दें ।
भवदीय
( जी.श्रीनिवासन )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
150. सीमित बिक्री - स्थान (पीओएस) और सीमित स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) सुविधाओं वाले ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को दिसंबर 2005 में सूचित किया गया था कि वे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपने ग्राहकों के लिए सामान्य क्रेडिट कार्ड में जैसे विद्यमान है उसी के समान एक जनरल क्रेडिट कार्ड (जीसीसी) योजना शुरु करें। बैंक मूल बैंकिंग "नो -फ्रिल्स" खातों में एक छोटी ओवरड्राप्ट सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं । फिलहाल, जीसीसी के अंतर्गत बकाया ऋण के 50 प्रतिशत को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रुप में वर्गीकृत करने की अनुमति है। यह प्रस्ताव है कि :
- बैंकों को ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जीसीसी के अंतर्गत बकाया ऋण का 100 प्रतिशत तथा "नो फ्रिल्स" खातों में 25,000 रुपए तक के ओवरड्राप्टों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रुप में वर्गीकृत करने की अनुमति दी जाए ।