किसान विकास पत्रों के अभिग्रहण के लिए ऋण प्रदान करना
भारिबैं/2006-2007/297
ग्राआऋवि.केंका.क्षेग्राबै.बीसी.सं.61 /03.05.33(ई /2006-07)
29 मार्च 2007
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय / महोदया,
किसान विकास पत्रों के अभिग्रहण के लिए ऋण प्रदान करना
हाल ही में हमारे सामने कुछ ऐसे उदाहरण आए हैं जहाँ बैंकों ने जनता को किसान विकास पत्रों के लिए ऋण स्वीकृत किए हैं । किसान विकास पत्र मेंप्रस्तावित निवेश करने वाले व्यक्ति से यह अपेक्षा की जाती थी कि वह पहले निवेश राशि का 10% मार्जिन राशि के रुप में लाए तथा शेष 90% निवेश राशि ऋण के रुप में मानी जाती थी तथा उसका निधियन बैंक द्वारा किसान विकास पत्रों के अभिग्रहण के लिए किया जाता था । किसान विकास पत्र उधारकर्ता के नाम में अभिग्रहीत होने पर बाद में उन्हें बैंक के पास गिरवी रखा जाता था ।
2. उपर्युक्त प्रकार से स्वीकृत ऋण छोटी बचत योजनाओं के उद्देश्यों के अनुरुप नहीं है । जैसा कि बैंकों को ज्ञात है, छोटी बचत योजनाओं का मूल उद्देश्य छोटे बचतकर्ताओं के लिए बचत का सुरक्षित अवसर उपलब्ध कराने और बचत को बढावा देने के साथ-साथ लोगों के बीच मितव्ययिताकी आदत उत्पन्न करना है । किसान विकास पत्रों के अभिग्रहण / में निवेश के लिए ऋण प्रदान करने से नई बचत को बढ़ावा नहीं मिलता है तथा इसके विपरीत यह छोटी बचत लिखतों को बैंक जमाराशियों के रुप में वर्तमान बचत को प्रभावित करता है जिससे ऐसी योजनाओं का प्रयोजन समाप्त हो जाता है । अत: बैंक यह सुनिश्चित करें कि किसान विकास पत्रों सहित छोटी बचत लिखतों के अभिग्रहण / में निवेश के लिए ऋण न दिया जाए ।
3. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को पावती दें ।
भवदीय,
(सी.एस.मूर्ति)
प्रभारी मुख्य महा प्रबंधक
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