बैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली
आरबीआई/2008-09/144
शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).सं.8/09.39..000/2008-09
28 अगस्त 2008
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय/महोदया
बैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली
कृपया 09 मार्च 2007 का हमारा परिपत्र शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी). सं. 31/ 12.05.001 / 2006-07 देखें जिसके माध्यम से शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि वे बैंक प्रभारों का औचित्य सुनिश्चत करने के प्रयोजन से नीति निर्मित करने के लिए गठित कार्यदल की सिफ़ारिशों को कार्यान्वित करें।
कार्यदल ने तमाम सिफ़ारिशों के साथ एक सिफ़ारिश यह भी की थी कि बैंकों में मजबूत शिकायत निवारण ढांचा एवं प्रक्रियाएं मौज़ूद होनी चाहिए ताकि वे अपने ग्राहकों की सभी शिकायतों का त्वरित निवारण बैंक के अंदर ही कर सकें। शहरी सहकारी बैंकों को पुन: सूचित किया जाता है कि वे यह सुनिश्चत करें कि अपने ग्राहकों से शिकायतें प्राप्त करने तथा उनका निदान करने की उपयुक्त प्रणाली उनके पास मौज़ूद है और उस प्रणाली के अंतर्गत ऐसी शिकायतों का ठीक ढंग से तथा त्वरित समाधान करने पर विशेष बल दिया गया है, शिकायतों का स्रोत चाहे जो हो।
2. बैंकों को सूचित किया जाता है कि:
i.वे सुनिश्चत करें कि शिकायत रजिस्टर उनकी शाखाओं के प्रमुख स्थान पर रखे गए हैं जहां ग्राहकों द्वारा उनमें अपनी शिकायतें दर्ज़ करना संभव हो।
ii.उनके पास शिकायतें प्राप्त करने की प्रणाली मौज़ूद है जहां शिकायतें पत्रों/फार्मों के जरिए प्राप्त होती हैं।
iii.वे विभिन्न स्तरों पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के समाधान की समय-सीमा निर्धारित करें।
iv.वे अपनी शाखाओं के प्रमुख स्थान पर शिकायतों के निवारण के लिए संपर्क किए जाने वाले अधिकारियों के नाम उनके सीधे फोन नम्बर, फैक्स नम्बर, संपूर्ण पता (पोस्ट बाक्स संख्या नहीं) तथा ई-मेल पता आदि सहित प्रदर्शित करें ताकि ग्राहक अपनी शिकायतों के निवारण के लिए बाकायदा तथा समय पर उनसे संपर्क कर सकें और शिकायत निवारण प्रणाली को कारगर बनाने में वृद्धि की जा सके।
3. अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों के मामले में यदि शिकायतों का निवारण एक महीने के भीतर नहीं होता है तो बैंक की संबंधित शाखा/प्रधान कार्यालय द्वारा शिकायत की प्रतिलिपि बैंकिंग लोकपाल योजना के अंतर्गत संबंधित नोडल अधिकारी को भेजनी चाहिए और उसे शिकायत के संबंध में ताजा स्थिति से अवगत कराए रखना चाहिए। इससे नोडल अधिकारी शिकायत से संबंधित बैंकिंग लोकपाल के किसी पत्र पर और कारगर ढंग से कार्रवाई कर सकेगा। इसके अलावा, यह भी आवश्यक है कि ग्राहक को अपने इस अधिकार के प्रति सचेत बनाया जाना चाहिए कि यदि वह बैंक के उत्तर से संतुष्ट नहीं है तो संबंधित बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकता है। इस प्रकार ग्राहक को उसकी शिकायत के निवारण के संबंध में भेजे गए अंतिम पत्र में बैंकों को इस बात का उल्लेख करना चाहिए कि वह संबंधित बैंकिंग लोकपाल से भी संपर्क कर सकता है। संबंधित बैंकिंग लोकपाल का विवरण भी पत्र में दिया जाना चाहिए।
4. शहरी सहकारी बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे शिकायत निवारण प्रणाली की स्थापना के बारे में अपने प्रधान कार्यालय तथा सभी शाखाओं में व्यापक प्रचार करें और उसे अपने ग्राहकों की जानकारी में लाएं।
भवदीय
(ए.के.खौंड)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक