बैंकों द्वारा प्राइमरी डीलरशिप (पीडी) कारोबार लिये जाने के संबंध में दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों द्वारा प्राइमरी डीलरशिप (पीडी) कारोबार लिये जाने के संबंध में दिशानिर्देश
आरबीआई. /2005-06/308
बैंपविवि. सं. एफएसडी. बीसी. सं. 64/24.92.001/2005-06
27 फरवरी 2006
7 फाल्गुन 1927 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय,
बैंकों द्वारा प्राइमरी डीलरशिप (पीडी) कारोबार लिये जाने के संबंध में दिशानिर्देश
वर्ष 2005-06 के वार्षिक नीति वक्तव्य में यह घोषित किया गया था कि प्राइमरी डीलरशिप (पीडी) कारोबार की अनुमत व्यवस्था का विस्तार किया जायेगा ताकि उसमें कुछ न्यूनतम पात्रता मानदंडों की पूर्ति करनेवाले बैंकों का समावेश किया जा सके। बैंकों द्वारा प्राइमरी डीलरशिप कारोबार किये जाने के लिए दिशानिर्देशों का प्रारूप बैंकों, प्राथमिक व्यापारियों आदि से अभिमत /सुझाव प्रापत करने हेतु हमारी वेबसाइट पर रखा गया था। प्राप्त अभिमतों /सुझावों को ध्यान में रखते हुए उक्त दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया है। तदनुसार बैंक निम्नलिखित दिशानिर्देशों के अधीन प्राइमरी डीलरशिप के लिए आवेदन करने हेतु पात्र हैं ।
2. पात्रता मानदंड
निम्नलिखित श्रेणियों के बैंक प्राइमरी डीलरशिप लाइसेन्स के लिए आवेदन करने हेतु पात्र हैं (भारतीय रिज़र्व बैंक का अनुमोदन अन्य सभी संगत कानूनों के अनुपालन के अधीन होगा)।
(i) वर्तमान में जिन बैंकों की अंशत: या पूर्णत: स्वाधिकृत सहायक संस्था नहीं है और जो निम्नलिखित मानदंड पूरा करते हैं ऐसे बैंक :
(क) न्यूनतम निवल स्वाधिकृत निधियां (एनओएफ) 1,000 करोड़ रुपये हैं,
(ख) न्यूनतम सीआरएआर 9 प्रतिशत है,
(ग) निवल अनर्जक आस्तियां 3 प्रतिशत से कम हैं और जिनका पिछले तीन वर्ष से लाभ प्राप्त करने का रिकार्ड है।
(ii) जो भारतीय बैंक अंशत: या पूर्णत: स्वामित्व वाली सहायक संस्था के माध्यम से प्राइमरी डीलरशिप कारोबार कर रहे हैं तथा उनकी अंशत:/पूर्णत: स्वामित्व वाली सहायक संस्था का विलयन /अधिग्रहण करके प्राइमरी डीलरशिप कारोबार को विभागीय तौर पर करना चाहते हैं, बशर्तें वे 2(व) (क) से (ग) तक के मानदंड पूरे करते हों ।
(iii) भारत में परिचालन करनेवाले विदेशी बैंक जो समूह कंपनियों द्वारा किए जा रहे प्राइमरी डीलरशिप कारोबार को विलयन के द्वारा विभागीय तौर पर करना चाहते हैं बशर्तें वे 2 (व) (क) से (ग) तक के मानदंड पूरे करते हों।
3. रिज़र्व बैंक द्वारा प्रदत्त प्राधिकार एक वर्ष (जुलाई-जून) के लिए होगा और उसके बाद रिज़र्व बैंक द्वारा वार्षिक आधार पर प्राधिकार की समीक्षा कार्यनिष्पादन के मानदंडों के आधार पर की जाएगी जैसे कि सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों और राजकोषीय बिलों के प्राथमिक निर्गम की नीलामियों में हामीदारी अथवा बोली लगाने की प्रतिबद्धता को पूरा करना तथा प्राथमिक बाजार में सफलता का अनुपात और द्वितीयक बाजार में टर्नओवर प्राप्त करने का अनुपात, आदि।
4. बैंक - पीडी के लिए बाध्यता
बैंक-पीडी, हामीदारी तथा समय-समय पर निर्धारित एकल (स्टैंड अलोन) प्राइमरी डीलरशिप के लिए लागू होने वाली अन्य सभी बाध्यताओं के अधीन कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, बैंकों को हर समय, अपने अलग एसजीएल खातों में पीडी कारोबार करने के लिए 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम राशि बनाये रखनी होगी।
5. विवेकपूर्ण मानदंड
(i) पीडी कारोबार के लिए पृथक पूंजी पर्याप्तता निर्धारित नहीं की गई है तथा किसी बैंक के लिए अपेक्षित पूंजी पर्याप्तता उसके पीडी कारोबार के लिए भी लागू होगी।
(ii) पीडी कारोबार के अंतर्गत सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों तथा राजकोषीय बिलों को एसएलआर के लिए गिना जाएगा।
(iii) "हेल्ड फॉर ट्रेंडिंग" संविभाग के संबंध में बैंकों पर लागू होने वाले निवेश मूल्यन के दिशानिर्देश पीडी कारोबार के लिए निश्चित सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों तथा राजकोषीय बिलों के संविभाग पर भी लागू होंगे।
(iv) बैंकों को अपनी सहायक संस्थाओं के लिए पृथक एसजीएल खाते रखने होंगे। इस संबंध में बैंक उचित प्रबंध सूचना प्रणाली (एमआइएस) भी विकसित करें।
6. विनियमन और पर्यवेक्षण
(i) प्राथमिक व्यापारियों पर लागू भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देश बैंक-प्राइमरी डीलरशिपों पर भी प्रयोज्य सीमा तक लागू होंगे।
(ii) चूँकि बैंकों के लिए मांग मुद्रा बाजार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक की चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) में पहुँच होती है, अत: बैंक-प्राइमरी डीलरशिपों की इन सुविधाओं में अलग से पहुँच नहीं होगी।
(iii) बैंक - पीडी कारोबार का स्थल पर (ऑन-साइट) निरीक्षण भारतीय रिज़र्व बैंक करेगा।
(iv) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर सूचित किये अनुसार बैंक -पीडी को निर्धारित विवरणियां प्रस्तुत करनी होंगी।
(v) किसी भी बैंक -पीडी को चाहिए कि वह अपने विरुद्ध शेयर बाजार, सेबी, सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय, आय-कर आदि जैसे प्राधिकरणों द्वारा की गयी किसी भी प्रमुख शिकायत अथवा शुरू की गयी कार्रवाई को भारतीय रिज़र्व बैंक के ध्यान में लाये।
(vi) भारतीय रिज़र्व बैंक की दृष्टि से यदि संबंधित बैंक ने निर्धारित पात्रता और कार्यनिष्पादन मानदंडों को पूरा नहीं किया है तो बैंक -पीडी के प्राधिकरण को निरस्त करने का अधिकार भारतीय रिज़र्व बैंक के पास सुरक्षित है।
7. यदि आवश्यकता हो तो समय-समय पर उपर्युक्त दिशानिर्देशों को संशोधित करने का अधिकार भारतीय रिज़र्व बैंक के पास सुरक्षित है।
8. प्राइमरी डीलरशिप के लिए आवेदन करने हेतु पात्र बैंक प्राइमरी डीलरशिप का कारोबार शुरू करने के लिए लाइसेंस हेतु मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, विश्व व्यापार केंद्र, कफ परेड, कोलाबा, मुंबई - 400005 से संपर्क करें।
भवदीय
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक