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तमिलनाडु में अप्रत्याशित बारिश और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश

भारिबैं / 2005-06 /225
ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं. 51/05.04.02/2005-06

दिसंबर 5 , 2005

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
महोदय,

तमिलनाडु में अप्रत्याशित बारिश और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश

जैसा कि आपको ज्ञात है, तमिलनाडु राज्य बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे जान और माल की भारी हानि हुई है । इस संबंध में हम आपका ध्यान प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपायों से संबंधित हमारे दिनांक 1 जुलाई 2005 के मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएस. बीसी. 6/05.04.02/2005-06 की ओर आकर्षित करते हैं । तदनुसार, आप राज्य में अपनी शाखाओं को सूचित करें कि स्थिति की जांच करें और प्रभावित लोगों को राहत उपलब्ध कराने के लिए तुरन्त उपाय करें । विशेष रुप से, हम आपका ध्यान उक्त परिपत्र के पैरा 26 से 30 की ओर आकृष्ट करते हैं जो अप्रत्याशित आपदा से प्रभावित कामगारों, स्वनियोजित व्यक्तियों, व्यापारियों, अत्यन्त लघु और लघु औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने से संबंधित है ।

2. उक्त परिपत्र के पैरा 25 के अनुसार, बैंक ऐसे राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में पात्र व्यक्तियों को 1000/- रु. तक के सामान्य उपभोग ऋण प्रदान कर सकते हैं जहाँ राज्य सरकारों ने वाणिज्य बैंकों द्वारा ऐसे उधार हेतु जोखिम निधि गठित की है । तमिलनाडु राज्य में उत्पन्न हुई स्थिति के मद्देनजर बैंक, राज्य में प्रभावित व्यक्तियों को उपभोग ऋण उपलब्ध कराने हेतु इसकी सीमा बिना किसी संपार्श्विक के 5000/- रु. तक बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं । यह सीमा शाखा प्रबंधक के विवेकाधिकार से उधारकर्ता की चुकौती क्षमता के आधार पर 10,000/- रु. तक बढ़ाई जा सकती है ।

3. बैंक प्रभावित छोटे उद्यमों को सामान्य रुप से कार्य करने तथा प्रस्तावों को क्षमता के मद्देनजर उन इकाइयों को आवश्यकता आधारित नयी कार्यकारी पूंजी स्वीकृत करने हेतु भी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने पर विचार कर सकते हैं ।

4. अत: बैंकों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में तुरन्त कार्रवाई करें तथा अपने नियंत्रक कार्यालयों / शाखाओं को सूचित करें कि वे प्रभावित व्यक्तियों को समुचित राहत उपलब्ध कराएँ ।

5. बैंकों से यह भी अनुरोध है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएँ दुबारा शीघ्र उपलब्ध कराने हेतु तुरन्त कार्रवाई करें ।

6. कृपया पावती दें ।

भवदीय

( जी.श्रीनिवासन )

मुख्य महाप्रबंधक

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