पश्चिम बंगाल में पोल्ट्री युनिटों के लिए बैंकों द्वारा किए जानेवाले राहत उपायों पर दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
पश्चिम बंगाल में पोल्ट्री युनिटों के लिए बैंकों द्वारा किए जानेवाले राहत उपायों पर दिशानिर्देश
आरबीआई/2008-09/396 |
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ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं. 90/05.04.02/2008-09 | ||||||||||||||||||||||||
27 फरवरी 2009
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अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी |
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प्रिय महोदय, | ||||||||||||||||||||||||
पश्चिम बंगाल में पोल्ट्री युनिटों के लिए बैंकों द्वारा |
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कृपया दिनांक 19 फरवरी 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं. 48/ 05.04.02/2007-08 देखें जिसमें पोल्ट्री उद्योग को राहत देने के लिए कतिपय राहत उपायों की घोषणा की गई थी। |
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(iii) ब्याज सहायता में वे सभी स्वीकृत मीयादी ऋण और कार्यशील पूंजीगत ऋण सम्मिलित होंगे जो मुर्गी, टर्की, जापानी क्वैल, गिनी फाउल्स, बतख, शुतर्मुर्ग और इमु से संबंधित निम्नलिखित सभी गतिविधियों के लिए स्वीकृत किए गए हों :-
क) वाणिज्यिक लेयर फार्मिंग । ख) वाणिज्यिक ब्रायलर फार्मिंग । ग) पेरेंट पक्षियों का प्रजनन / पालन, दोनों लेयर और ब्रायलर । घ) ग्रॅण्ड पक्षियों का प्रजनन / पालन, दोनों लेयर और ब्रायलर । ड़) शुद्ध वंशक्रम प्रजनन । च)बैकयार्ड मुर्गीपालन सहित न्यून निविष्टि प्रौद्योगिक पक्षियों के पालन के लिए इकाइयों को दिया गया ऋण छ) मुर्गीपालन / चूज़ाघर को दिया गया ऋण । ज़) ऐसी आहार मिश्रण इकाइयाँ जिन्हें मुर्गीपालन इकाई के लिए संमिश्र भाग के रूप में ऋण स्वीकृत किया गया है । झ) मुर्गीपालन प्रसंस्करण संयंत्र । ञ) बैंकों द्वारा स्वीकृत किसी संमिश्र ऋण के मुर्गीपालन घटक यथा वासभूमि ऋण । |
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3. बैंक अपने समेकित दावे अनुबंध I में दिए फार्मेट में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, फार्म सेक्टर प्रभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को प्रस्तुत करें। सभी दावे सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा ाविधिवत प्रमाणित किए जाएं। |
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5. उक्त योजना का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि पश्चिम बंगाल की पात्र पोल्ट्री इकाइयां योजना का लाभ उठा सकें। 6. राज्य / जिला सहकारी बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए नाबार्ड इसी प्रकार का परिपत्र जारी करेगा। शहरी सहकारी बैंकों के लिए इसी प्रकार के अनुदेश हमारे शहरी बैंक विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे। |
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भवदीय | ||||||||||||||||||||||||
(बी.पी.विजयेंद्र) | ||||||||||||||||||||||||
मुख्य महाप्रबंधक |
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अनुबंध - I
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पश्चिम बंगाल में मुर्गीपालन इकाइयों के लिए आर्थिक सहायता हेतु |
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बैंक का नाम : | ||||||||||||||||||||||||
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नोट : बैंक यह सुनिश्चित करें कि, ऊपर दर्शाई गई दावे की राशि, मुर्गीपालन इकाइयों को @4% दर से ब्याज सहायता की राशि की गणना दिनांक 27 फरवरी 2009 के भारतीय रिज़र्व ब क के परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 90 /05.04.02(पोल्ट्री) / 2008-09 के अनुरूप सही तरह की गई है। हम वचन देते हैं कि बाद में लेखा परीक्षा अथवा अन्यथा कोई गलती पाई जाने पर, हमारे द्वारा प्राप्त की गई अधिक की राशि तुरन्त लौटा दी जाएगी। |
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( प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता)
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स्थान : |
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तारीख : |
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यह दावा सांविधिक लेखा-परीक्षकों द्वारा यथोचित रूप से प्रमाणित किया जाना चाहिए ।
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अनुबंध II
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लेखा परीक्षकों / भारतीय रिज़र्व बैंक निरीक्षकों द्वारा सत्यापन / संवीक्षा हेतु बैंक के |
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अनुबंध III
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5% ब्याज सहायता पर अपने नियंत्रक कार्यालय / प्रधान कार्यालय को जानकारी उपलब्ध कराने हेतु शाखाओं के लिए फार्मेट
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नोट : बैंक यह सुनिश्चित करें कि अतिदेय किस्तें, यदि कोई हों, को आर्थिक सहायता प्राप्त करने के दावे में शामिल न किया जाए।
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