बैंकों द्वारा लेखा मानक (एएस) 11 [विदेशी मुद्रा दरों में परिवर्तन के प्रभाव] के अनुपालन पर दिशानिर्देश – स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों द्वारा लेखा मानक (एएस) 11 [विदेशी मुद्रा दरों में परिवर्तन के प्रभाव] के अनुपालन पर दिशानिर्देश – स्पष्टीकरण
भा.रि.बैं./2016-17/281 18 अप्रैल, 2017 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया / महोदय, बैंकों द्वारा लेखा मानक (एएस) 11 [विदेशी मुद्रा दरों में परिवर्तन के प्रभाव] के अनुपालन पर दिशानिर्देश – स्पष्टीकरण कृपया उपर्युक्त विषय पर 15 मार्च 2005 का परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.76/21.04.018/2004-05 और 05 अप्रैल 2006 का परिपत्र बैंपविवि.बीपी.बीसी.सं.76/21.04.018/2005-06 देखें। 2. यह पाया गया है कि बैंक विदेश स्थित शाखा (ओं) से संचित लाभ/ प्रतिधारित उपार्जन के प्रत्यावर्तन पर विदेशी मुद्रा अंतरण भंडार (एफसीटीआर) से लाभ-हानि खाते में अभिलाभ की गणना उक्त को एएस 11 के अंतर्गत आंशिक निपटान मानते हुए कर रहे हैं। 3. अन्य बातों के साथ-साथ, दि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के विचारों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच की गई है। यह स्पष्ट किया जाता है कि संचित लाभ के प्रत्यावर्तन को एएस 11 विदेशी मुद्रा दरों में परिवर्तन के प्रभाव के अनुसार गैर-समाकलित विदेशी परिचालन में हिस्से का निपटान अथवा आंशिक निपटान नहीं माना जाएगा। तदनुसार, बैंक विदेशी परिचालन से लाभ के प्रत्यावर्तन पर विदेशी मुद्रा अंतरण भंडार में धारित आनुपातिक विनिमय लाभ अथवा हानि की लाभ-हानि खाते में गणना नहीं करेंगे। भवदीय, (एस.एस.बारिक) |