विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइएस) द्वारा एएसबीए व्यवस्था के तहत प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव राशियों की हेजिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइएस) द्वारा एएसबीए व्यवस्था के तहत प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव राशियों की हेजिंग
भारिबैंक/2010-11/539 20 मई 2011 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइएस) द्वारा एएसबीए व्यवस्था के तहत प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान 28 दिसंबर 2010 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.32 की ओर आकर्षित किया जाता है, जो विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाओं के विनियमन संबंधी दिशा-निर्देश निरूपित करता है । मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों को किसी विशिष्ट तारीख को भारत में ईक्विटी और/अथवा ऋण में समग्र निवेश के बाजार मूल्य पर करेंसियों में से एक के रूप में रूपये तथा विदेशी मुद्रा-आइएनआर ऑप्शंस के साथ करेंसी जोखिम को सुरक्षित (हेज) करने के लिए अनुमति दी गयी है। 2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि एएसबीए व्यवस्था के तहत प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आइपीओ) संबद्ध अस्थायी पूंजी प्रवाहों के लिए, विदेशी संस्थागत निवेशकों को निम्नलिखित शर्तों पर विदेशी मुद्रा-रूपया स्वाप के लिए अनुमति दी जाए: i. विदेशी संस्थागत निवेशक एएसबीए व्यवस्था के तहत प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आइपीओ) संबद्ध पूंजी प्रवाहों की हेजिंग के लिए ही विदेशी मुद्रा-रूपया स्वाप कर सकते हैं । ii. स्वाप की राशि आइपीओ में निवेश की जानेवाली प्रस्तावित राशि से अधिक नहीँ होनी चाहिए। iii. स्वाप की अवधि 30 दिनों से अधिक नहीँ होनी चाहिए। iv. एक बार रद्द की गयी संविदाएं फिर से बुक नही की जा सकेंगी। इस योजना के तहत रोलओवर भी अनुमत नहीं है । 3. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-200 (विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं)विनियमावली,2000) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किये जायेंगे। 4. प्राधिकृत श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीया (मीना हेमचंद्र) |