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स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग के तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा विनिमय दर जोखिम की हेजिंग

आरबीआई/2018-19/136
ए. पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 22

01 मार्च 2019

प्रति

श्रेणी–I के सभी प्राधिकृत डीलर बैंक

महोदय / महोदया,

स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग के तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा विनिमय दर जोखिम की हेजिंग

प्राधिकृत डीलर श्रेणी – I (एडी श्रेणी – I) बैंकों का ध्‍यान समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं) विनियमन, 2000 दिनांक 3 मई 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 25/आरबी-2000) और समय-समय पर यथासंशोधित मास्‍टर निर्देश – जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक डीलिंग्‍स दिनांक 5 जुलाई 2016 की तरफ आकर्षित किया जाता है।

2. इस बारे में ऋणों में निवेश करने के संबंध में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) के बारे में दिनांक 1 मार्च 2019 के ए.पी. (डीआइआर शृंखला) परिपत्र सं. 21 की तरफ भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। इस मार्ग के तहत किए गए निवेशों के कारण होने वाले विनिमय दर जोखिम के एक्‍सपोजरों की हेजिंग के लिए परिचालनगत दिशानिदेशों, निबंधनों और शर्तों को इस परिपत्र के अनुलग्‍नक में दिया गया है।

3. विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं) विनियमन, 2000 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000) में आवश्‍यक संशोधनों (अधिसूचना सं. फेमा 390/2019- आरबी दिनांक 26 फरवरी 2019) को शासकीय राजपत्र में जी.एस.आर. सं.161 (ई) दिनांक 26 फरवरी 2019 के माध्‍यम से अधिसूचित किया जा चुका है। इन्‍हें फेमा, 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (एच) के तहत जारी किया गया है।

4. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और इस बारे में किसी अन्‍य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

भवदीय

(टी. रबी शंकर)
मुख्‍य महाप्रबंधक


अनुलग्‍नक

स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग के तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा विनिमय दर जोखिम की हेजिंग

प्रयोजन : स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) के तहत किए गए निवेशों के कारण होने वाले विनिमय दर जोखिम के एक्‍सपोजर से बचाव करने के लिए।

उत्‍पाद : मुद्राओं में से एक के तौर पर रुपये में वायदा, ऑप्‍शन, लागत कटौती संरचनाएं और स्‍वैप।

परिचालनगत दिशानिदेश, निबंधन और शर्तें :

i. प्राधिकृत डीलर उपरोक्त उत्‍पादों में से किसी का भी प्रयोग करते हुए वीआरआर के तहत पात्र प्रयोक्‍ताओं अथवा अपनी सेन्‍ट्रल ट्रेजरी (समूह की और समूह की संस्‍था होने के नाते) डेरिवेटिव संविदाओं का प्रस्‍ताव कर सकते हैं। प्राधिकृत डीलरों को सुनिश्चित करना होगा कि :

    1. वीआरआर के तहत किए गए निवेशों के कारण एफपीआई को विनिमय दर जोखिम का एक्‍सपोजर है।

    2. संविदा का नोशनल और उसकी अवधि मूल अभिप्राय एक्‍सपोजर के मूल्‍य और मूल अभिप्राय की अवधि से अधिक नहीं है।

    3. इसी एक्‍सपोजर का हेजिंग किसी अन्‍य प्राधिकृत डीलर अथवा एक्‍सचेंज द्वारा नहीं किया गया है।

    4. यदि एक्‍सपोजर का मूल्‍य डेरिवेटिव के नोशनल से कम हो जाता है, तो डेरिवेटिव को उचित प्रकार से समायोजित किया जाए जब तक कि ऐसा डेरिवेटिव एक्‍सपोजर के बाजार मूल्‍य में परिवर्तन के कारण हुआ हो, ऐसी स्थिति में एफपीआई अपने विवेकानुसार डेरिवेटिव संविदा को मूल परिपक्‍वता अवधि तक बनाए रख सकता है।

ii. प्राधिकृत डीलर एफपीआई को अनुमति देगा कि वे डेरिवेटिव संविदाओं को निर्बाध रूप से निरस्‍त और पुन: बुक कर सकेंगे।

iii. प्राधिकृत डीलर को यह सुनिश्‍चित करना होगा कि हेज के लिए किए जाने वाले सभी भुगतानों को एफपीआई द्वारा सामान्‍य बैंकिंग चैनलों के माध्‍यम से अपनी स्‍वदेश प्रेषण योग्‍य निधियों और/अथवा प्राप्‍त हो रहे धनप्रेषणों में से किया जाता है।

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