आवास ऋण: निर्देशों की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
आवास ऋण: निर्देशों की समीक्षा
आरबीआई/2014-15/491 5 मार्च 2015 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय आवास ऋण: निर्देशों की समीक्षा क. एलटीवी अनुपात में स्टैम्प ड्यूटी और अन्य प्रभारों को शामिल किया जाना कृपया "वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिये गये आवास ऋण – कीमत की तुलना में ऋण(एलटीवी) अनुपात" पर 3 फरवरी 2012 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी. बीसी. 78 /08.12.001/2011-12 देखें, जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे आवासीय संपत्तिकी लागत में स्टैम्प ड्यूटी, पंजीकरण और अन्य प्रलेखीकरण प्रभारों को शामिल न करें ताकि एलटीवी अनुपात की प्रभावशीलता कम न होने पाए। 2. हमारे ध्यान में यह बात लाई गई है कि यह रकम आवास की लागत के 15% के आस-पास रहती है और आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) तथा अल्प आय वर्गों (एलआईजी) के उधारकर्ताओं के लिए भारी पडती है। ऐसे उधारकर्ताओं के लिए, किफायती आवासों की उपलब्धता को बढ़ावा दिए जाने को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में जहां आवास/ रिहायशी इकाई की लागत 10 लाख रूपए से अधिक नहीं है, बैंक एलटीवी अनुपात की गणना के प्रयोजन के लिए आवास/रिहायशी इकाई की लागत में स्टैम्प ड्यूटी, पंजीकरण और अन्य प्रलेखीकरण प्रभारों को शामिल कर सकते हैं। ख. आवास ऋण का निर्माण से जुड़ा संवितरण 3. कृपया “आवास क्षेत्र : नवोन्मेषी आवास ऋण उत्पाद - आवास ऋणों का पहले से ही संवितरण” पर 3 सितंबर 2013 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 51 /08.12.001/2013-14 देखें, जिसके तहत बैंकों को सूचित किया गया था कि व्यक्तिगत तौर पर मंजूर किए गए आवास ऋणों के संवितरण को पूरी तरह से आवासीय परियोजनाओं/आवास के निर्माण के साथ जोड़ा जाना चाहिए तथा अपूर्ण/निर्माणाधीन/हरित क्षेत्र आवासीय परियोजनाओं के मामलों में पहले ही संवितरण नहीं किया जाना चाहिए। 4. उपरोक्त शर्तों के संदर्भ में, कुछ बैंकों ने निरूपित किया है कि वे सरकारी निकायों/ सांविधिक आवासीय प्राधिकरणों द्वारा विकसित की जाने वाले परियोजनाओं के आबंटियों को आवास ऋण प्रदान नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि ऐसे प्राधिकरणों द्वारा तय किए गए भुगतान की समयावधि निर्माण के चरणों से जुड़ी नहीं होती। ऐसे प्राधिकरण वैयक्तिक आंबटियों को नीचे दिए गए भुगतान के तरीकों के आधार पर फ्लैट का आबंटन करते हैं:
5. समीक्षा के उपरांत, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे सरकारी/सांविधिक प्राधिकरणों द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं के मामले में ऋण का संवितरण ऐसे प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित भुगतान चरणों के अनुसार कर सकते हैं, ऐसे मामलों में भी जहां आवास के क्रेताओं से मांगा गया भुगतान निर्माण के चरणों से जुड़ा हुआ न हो, बशर्ते ऐसे प्राधिकरणों की कोई परियोजना विगत में अधूरी रह जाने का कोई इतिहास न रहा हो। भवदीय, (सुदर्शन सेन) |