शहरी सहकारी बैंकों द्वारा कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) का कार्यान्वयन - आरबीआई - Reserve Bank of India
शहरी सहकारी बैंकों द्वारा कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) का कार्यान्वयन
आरबीआई /2012-13/437 13 मार्च 2013 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, शहरी सहकारी बैंकों द्वारा कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) का कार्यान्वयन सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का प्रयोग बैंकिंग संस्थाओं की उत्तरजीविता एवं विकास के लिए उपयोगी है क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी बैंकों को संचालन की अपनी लागत को कम करने के लिए मदद करता है तथा अपने ग्राहकों हेतु प्रतिस्पर्धी दरों पर उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने के लिए भी सक्षम बनाता है। आईटी एक प्रतिस्पर्धी माहौल में बैंकों के लिए समर्थन के अलावा पृथक अस्तित्व भी प्रदान करता है। इसके अलावा, प्रभावी विनियामक और पर्यवेक्षी अनुपालन के लिए बैंकों को अपने कार्यों के लिए आईटी का उपयोग करने की आवश्यकता है। इस मामले के महत्व को पहचानकर भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के निदेशक मंडल के सामने रखे जाने वाली समीक्षा में एक के रूप में ''मशीनीकरण एवं कंप्यूटरीकरण की समीक्षा'' को शामिल किया है। 2. केंद्रीकृत डेटा केन्द्रों से सभी बैंकों की शाखाओं द्वारा पेशकश की जा रही विभिन्न सेवाओं के एकीकरण में कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) अनिवार्य रूप से मदद करता है। यह बैंकों को ग्राहकों हेतु बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने के अलावा शीर्ष प्रबंधन के लिए एमआईएस रिपोर्ट जनरेट करने तथा नियामकों और सरकार को विभिन्न रिपोर्ट प्रस्तुत करने में भी मदद करता है। भारत सरकार ने यह महसूस किया है कि सीबीएस के बिना शहरी सहकारी बैंक अच्छी तरह से बैंकिंग सिस्टम से एकीकृत नहीं है, इसलिए इस क्षेत्र में इस मॉडल को तुरंत अपनाने की जरूरत है। आज की बैंकिंग परिदृश्य में सीबीएस एक जरूरत है। इसलिए शहरी सहकारी बैंकों को अपने स्वयं के हित में, अपने ग्राहकों के हित में जल्द से जल्द सीबीएस अपनाने के लिए सूचित किया जाता है। आज बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जिनमें क्लौड आधारित समाधान भी शामिल हैं, और शहरी सहकारी बैंक अपनी आवश्यकता को पूरा करने वाले मॉडल को अपना सकते हैं। 3. भारतीय रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध जानकारी यह दर्शाती है कि बहुत कम शहरी सहकारी बैंकों ने सीबीएस को अपनाया है। इसलिए सभी शहरी सहकारी बैंकों को 31 दिसंबर 2013 से पहले उनके सभी शाखाओं में सीबीएस, को लागू करने के लिए राय दी जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को सीबीएस को लागू करने में की गई प्रगति के बारे में समय समय पर सूचना दें। यह उल्लेखनीय है कि, समय सीमा के भीतर सीबीएस को लागू करने में विफल होने पर शहरी सहकारी बैंकों को विभिन्न सुविधाएं (शाखाओं या कार्यक्षेत्र का विस्तार आदि) प्रदान करने से इनकार किया जा सकता है। 4. कृपया पावती संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दें। भवदीय, (ए उद्गाता) |