बैंकों में जोखिम-आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा (आरबीआइए) का कार्यान्वयन - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों में जोखिम-आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा (आरबीआइए) का कार्यान्वयन
संदर्भ.आरबीआइ 2004-05/356 बैंपर्यवि.केंका.पीपी.बी.सी. 17 /11.01.005/2004-05 01 फरवरी 2005
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
प्रिय महोदय
बैंकों में जोखिम-आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा (आरबीआइए) का कार्यान्वयन
जैसा कि आपको याद होगा 27 दिसंबर 2004 के हमारे पत्र बैंपर्यवि.केंका.10/11.01.005/ 2004-05 के माध्यम से हमने जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए थे। विभिन्न बैंकों में जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा के कार्यान्वयन की समीक्षा से यह तथ्य उजागर हुआ है कि कतिपय बातें/कमियां रह गई हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा का ढांचा कारगर है। जो कुछ बातें/कमियां हमने पाई हैं, वे निम्नानुसार हैं :
2. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इस संदर्भ में जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा और नीति संचालन की पद्धति की समीक्षा करें ताकि उसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाया जा सके। जैसा कि 27 दिसंबर 2002 के हमारे पूर्वोल्लिखित पत्र के पैराग्राप 3 में पहले ही उल्लेख किया जा चुका है, बैंक एक कार्यदल (टास्क पोर्स) का गठन करें, जिसमें वरिष्ठ कार्यपालक हों और उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपें कि वे जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा शुरू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करें। वफ्पया यह प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करें और हमारे दिशा-निर्देशों का अनुपालन शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित करें।
भवदीय
(अमरेन्द्र मोहन) महाप्रबंधक
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