यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससी 1267 समिति की अलकायदा और तालिबान से जुड़े हुए व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची का विभाजन - आरबीआई - Reserve Bank of India
यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससी 1267 समिति की अलकायदा और तालिबान से जुड़े हुए व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची का विभाजन
आरबीआई/2011-12/360 23 जनवरी 2012 पीएसएस अधिनियम, 2007 के तहत प्राधिकृत प्रिय महोदय यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससी 1267 समिति की अलकायदा कृपया आप अल-कायदा और तालिबान से संबद्ध व्यक्तियों और संस्थाओं की समेकित सूची का अवलोकन करें जो यूएन सुरक्षा परिषद 1267 समिति ने तैयार की है और जिसके अनुसार इन व्यक्तियों और संस्थाओं की आस्तियों को फ्रीज किया जाना है, जिन पर यात्रा करने का प्रतिबंध है और हथियारों पर निषेध है, जैसा कि सुरक्षा परिषद के संकल्प 1822 (2008) में निर्धारित किया गया है। इस 1267 समिति की समेकित सूची में शामिल किए जाने के अनुसरण में इन व्यक्तियों और संस्थाओं पर विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51ए के तहत कार्रवाई की जानी है। 2. यूएन सुरक्षा परिषद ने संकल्प 1988 (2011) और 1989 (2011) को अंगीकार कर लिया है जिससे यह समेकित सूची दो अलग-अलग अलग सूचियों में विभाजित कर दी गई है, जो निम्नानुसार है : (i) ‘अल-कायदा प्रतिबंध सूची’ का रखरखाव 1267 / 1989 समिति द्वारा किया जाता है। इस सूची में केवल उन व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों और संस्थाओं के नाम हैं जो अल-कायदा से संबद्ध हैं। समिति के कार्यों की सामान्य जानकारी http://www.un.org/sc/committees/1267/information.shtml. पर उपलब्ध है। अल-कायदा प्रतिबंधों की अद्यतन सूची http://www.un.org/sc/committees/1267/aq_sanctions_list.shtml पर उपलब्ध है। (ii) ‘1988 प्रतिबंध सूची’ का रखरखाव 1988 समिति करती है। इस सूची में वे नाम शामिल हैं जो पहले ही समेकित सूची के खंड-ए (‘तालिबान से संबद्ध व्यक्ति’) और बी (‘तालिबान से संबद्ध संस्थाएं और अन्य समूह तथा उपक्रम’) में शामिल किए गए थे। अद्यतन 1988 प्रतिबंध सूची http://www.un.org/sc/committees/1988/list.shtml पर उपलब्ध है। 3. यह ध्यान दिया जाए कि विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन करने के प्रयोजन से “अल-कायदा प्रतिबंध सूची” और “1988 प्रतिबंध सूची” दोनों पर ध्यान दिया जाना है। 4. यह सूचना गृह मंत्रालय (आंतरिक सुरक्षा-I प्रभाग), भारत सरकार के आदेश एफ. सं.17015/10/2002- IS-IV दिनांक 27 अगस्त 2009 में निहित अनुदेशों के अनुसरण में जारी की जा रही है, जो विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51ए के कार्यान्वयन हेतु क्रियापद्धति के बारे में है। 5. भुगतान प्रणाली के सभी संचालकों से अपेक्षित है कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा यथा परिचालित व्यक्तियों/संस्थानों की सूची को नवीनतम कर लें और कोई भी नया खाता खोलने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम/ग्राहकों के नाम दोनों में से किसी भी सूची में नहीं हैं। इसके अलावा, सभी पीएसओ को चाहिए कि अपने सभी विद्यमान खातों को ध्यान से देख लें कि कोई भी खाता इन दोनों सूचियों में शामिल व्यक्तियों या संस्थानों के पास या उनसे संबद्ध नहीं है। 6. सभी पीएसओ को सूचित किया जाता है कि वे रिज़र्व बैंक के परिपत्र डीबीओडी.एएमएल.बीसी.सं. 44/14.01.001/2009-10 दिनांक 17 सितम्बर 2009 के साथ संलग्न यूएपीए ऑर्डर दिनांक 27 अगस्त 2009 में निर्धारित क्रियापद्धति का सख्ती से अनुसरण करें और सरकार द्वारा जारी आदेश का अतिसावधानी से अनुपालन सुनिश्चित करें। यह परिपत्र हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है। 7. जहां तक नामनिर्दिष्ट व्यक्तियों/संस्थानों के खातों के रूप में निधियों, वित्तीय आस्तियों या आर्थिक संसाधनों या संबद्ध सेवाओं को फ्रीज करने की बात है, तो इस बार में 17 सितम्बर 2009 के उपयुक्त परिपत्र के अनुच्छेद 6 में उल्लेख किए अनुसार कार्रवाई की जाए। 8. नोडल अधिकारी / प्रधान अधिकारी कृपया इस परिपत्र की पावती भिजवाएं। भवदीय, (के. सी. आनंद) |