यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन - अल-कायदा तथातालिबान से संबद्ध व्यक्तियों एवं संगठनों की यूएनएससी 1267 समिति की सूचीको विभाजित करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन - अल-कायदा तथातालिबान से संबद्ध व्यक्तियों एवं संगठनों की यूएनएससी 1267 समिति की सूचीको विभाजित करना
भारिबैं/2011-12/447 15 मार्च 2012 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां / महोदय यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन - अल-कायदा तथातालिबान से संबद्ध कृपया अल-कायदा तथा तालिबान से संबद्ध व्यक्तियों तथा संगठनों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की समेकित सूची देखें जिन पर संबंधित सुरक्षा परिषद संकल्प 1822 (2008) में की गई घोषणा के अनुसार आस्ति प्रतिबंध, यात्रा प्रतिबंध तथा हथियार प्रतिबंध लगाया गया है । 1267 समिति की समेकित सूची में शामिल किए जाने के बाद ये व्यक्ति तथा संगठन विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51-ए के अंतर्गत कार्रवाई के अधीन होंगे । 2. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने संकल्प 1988 (2011) तथा 1989 (2011) स्वीकार कर लिया है जिनके परिणामस्वरूप समेकित सूची अलग-अलग दो सूचियों में विभाजित हो गई है नामत: (i)"अल-कायदा प्रतिबंध सूची" जो 1267/1989 समिति द्वारा तैयार की जाती है । इस सूची में केवल अल-कायदा से संबद्ध व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमोंतथा संगठनोंके नाम शामिल किए जाएंगे । उक्त समिति के कामकाज से संबंधित सामान्य सूचनाएं ii) "1988 प्रतिबंध सूची" जो 1988 समिति द्वारा तैयार की जाती है । इस सूची में समेकित सूची के खंड क (तालिबान से संबद्ध व्यक्ति") तथा खंड ख ("तालिबान से संबद्ध संगठन तथा अन्य समूह एवं उपक्रम") में पूर्व में शामिल किए गए नामों को शामिल किया गया है । अद्यतन 1988 प्रतिबंध सूची http://www.un.org/sc/committees/1988/list.shtml. पर उपलब्ध है । 3.यह नोट किया जाए कि विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51-ए के कार्यान्वयन के प्रयोजन के लिए "अल-कायदा प्रतिबंध सूची" तथा "1988 प्रतिबंध सूची" दोनों पर विचार किया जाना है । 4.यह सूचना विधिविरुद्ध कार्यकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51-ए के कार्यान्वयन की क्रियाविधि के संबंध में गृह मंत्रालय (आंतरिक सुरक्षा-I प्रभाग), भारत सरकार के आदेश एफ. सं. 17015/10/2002-आईएस-IV दिनांक 27 अगस्त 2009 में निहित अनुदेशों के अनुसरण में जारी की जा रही है। 5.गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियों से अपेक्षित है कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित व्यक्तियों/ संगठनों की सूचियां अद्यतन करें और कोई नया खाता खोलने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम दोनों में से किसी सूची में न हो । इसके अतिरिक्त गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सभी मौजूदा खातों की जांच करनी चाहिए ताकि कोई खाता दोनों सूचियों में शामिल किसी संगठन अथवा व्यक्ति द्वारा धारित अथवा उससे संबंधित न हो । भवदीया (डॉ. तुली राय) |