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यूपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्‍वयन संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 समिति के ‘1988 प्रतिबंध सूची में बदलाव’

आरबीआई/2011-12/352
बैंपविवि. एएमएल सं.10614/14.06.001/2011-12

17 जनवरी 2012

अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/
स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय
संस्थाएं

महोदय,

यूएपीए , 1967 की धारा 51-A का कार्यान्वयन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 समिति के
’1988 प्रतिबंध सूची’ में बदलाव

कृपया दिनांक 30 दिसंबर 2011 का हमारा परिपत्र पत्र बैंपविवि.एएमएल.बी.सी. सं.70/14.06.001/2011-12 देखें । हमें उसके बाद भारत सरकार (विदेश मंत्रालय) के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 समिति के अध्यक्ष के द्वारा प्रेषित टिप्पें की निम्नानुसार प्रतिलिपियाँ प्राप्त हुई हैं, (प्रतिलिपियाँ संलग्न) जिसमें ’1988 प्रतिबंध सूची’ में किये गये परिवर्तनों को विनिर्दिष्ट किया गया है।

  1. दिनांक 5 जुलाई 2011 का टिप्पण (अनुबंध I)
  2. दिनांक 18 जुलाई 2011 का टिप्पण (अनुबंध II)
  3. दिनांक 29 जुलाई 2011 का टिप्पण (अनुबंध III)
  4. दिनांक 16 अगस्त 2011 का टिप्पण (अनुबंध IV)
  5. दिनांक 4 अक्तुबर 2011 का टिप्पण (अनुबंध V)
  6. दिनांक 29 नवम्बर 2011 का टिप्पण (अनुबंध VI)
  7. दिनांक 6 जनवरी 2012 का टिप्पण (अनुबंध VII)

2. बैंकों/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित व्यक्तियों / संस्थाओं की सूची को अद्यतन करें तथा कोई नया खाता खोलने के पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम उक्त सूची में न हो। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जाँच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची में शामिल संस्था या व्यक्ति द्वारा कोई खाता नहीं रखा जा रहा है या उनका किसी खाते से संबंध नहीं है।

3. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे हमारे 17 सितंबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 44/14.01.001/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें।

4. जहाँ तक निर्दिष्ट व्यक्तियों/ संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गयी निधियों, वित्तीय आस्तियों या आर्थिक संसाधनों और संबंधित सेवाओं पर रोक लगाने का संबंध है, 17 सितंबर 2009 के उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 6 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए ।

5. उपर्युकत सूची के पूरे ब्यौरे संयुक्त राष्ट्र संघ के वेबसाइट -
http://www.un.org/sc/committees/1988/list.shtml पर उपलब्ध हैं।

6. अनुपालन अधिकारी/प्रधान अधिकारी इस परिपत्र पत्र की प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय,

(एस के. झा)
उप महा प्रबंधक

अनु. : यथोक्त

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