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यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति की 1988(2011) ‘तालीबान प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना

आरबीआई/2014-15/245
बैंपविवि.एएमएल सं.4952/14.06.001/2014-15

29 सितंबर 2014

अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/
स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं

महोदया/महोदय,

यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति की 1988(2011) ‘तालीबान प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 22 अगस्‍त 2014 का हमारा परि‍पत्र बैंपवि‍वि‍.एएमएल.सं.2868/14.06.001/2014-15 देखें। हमें उसके पश्चात भारत सरकार, वि‍देश मंत्रालय, यूएनपी प्रभाग से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परि‍षद की "1988 प्रतिबंध सूची" अर्थात् तालिबान से जुड़े हुए व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं की सूची में परिवर्तन संबंधी 23 सितंबर 2014 के छठे अपडेट (प्रतिलिपि संलग्‍न) के संबंध में प्रेस प्रकाशनी प्राप्‍त हुई है।

2. सूची में संशोधन संबंधी प्रेस प्रकाशनियां

http://www.un.org/sc/committees/1988/pressreleases.shtml तथा छठे अपडेट संबंधी प्रेस प्रकाशनियां
http://www.un.org/News/Press/docs//2014/sc11573.doc.htm पर उपलब्‍ध हैं।

अद्यतन तालिबान प्रतिबंध सूची

क. http://www.un.org/sc/committees/1988/pdf/1988List.pdf पर पीडीएफ फॉर्मेट में;
ख. http://www.un.org/sc/committees/1988/1988List.xml पर एक्‍सएमएल फॉर्मेट में; तथा
ग.http://www.un.org/sc/committees/1988/1988List.htm पर एचटीएमएल फॉर्मेट में भी उपलब्‍ध है।

3. बैंकों/अखि‍ल भारतीय वि‍त्तीय संस्थाओं से अपेक्षित है कि‍ वे रि‍ज़र्व बैंक द्वारा परि‍चालि‍त व्यक्ति‍यों/संस्थाओं की समेकि‍त सूची को अद्यतन करें तथा कोई भी नया खाता खोलने के पहले यह सुनि‍श्चि‍त करें कि‍ प्रस्तावि‍त ग्राहक का नाम उक्त सूची में नहीं है। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जांच करनी चाहि‍ए ताकि‍ यह सुनि‍श्चि‍त कि‍या जा सके कि‍ उक्त सूची में शामि‍ल किसी संस्था या व्यक्ति‍ का कोई खाता नहीं है या कि‍सी खाते से उसका संबंध नहीं है।

4. बैंकों को सूचि‍त कि‍या जाता है कि‍ वे हमारे 17 सि‍तंबर 2009 के परि‍पत्र बैंपवि‍वि‍.एएमएल.बीसी.सं.44/14.01.001/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में नि‍र्धारि‍त प्रक्रि‍या का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनि‍श्चि‍त करें।

5. जहाँ तक नि‍र्दि‍ष्ट व्यक्ति‍यों/ संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गयी नि‍धि‍यों, वि‍त्तीय आस्ति‍यों या आर्थि‍क संसाधनों या संबंधि‍त सेवाओं को अवरुद्ध करने का संबंध है, 17 सि‍तंबर 2009 के उपर्युक्त परि‍पत्र के पैरा 6 में वर्णि‍त प्रक्रि‍या के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहि‍ए। बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि किसी भी बैंक द्वारा असूचीबद्ध (delisting) करने संबंधी प्राप्‍त किसी अनुरोध को इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से संयुक्‍त सचिव (आईएस – आई), गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार के पास विचारार्थ भेजा जाना चाहिए।

6. अनुपालन अधि‍कारी/प्रधान अधि‍कारी इस परि‍पत्र की प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय

(थॉमस मैथ्‍यू)
महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त

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