यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988(2011) समिति की ‘तालीबान प्रतिबंधित सूची’ को अद्यतन करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988(2011) समिति की ‘तालीबान प्रतिबंधित सूची’ को अद्यतन करना
भारिबैं/2014-15/542 7 अप्रैल, 2015 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/महोदया, यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988(2011) समिति की ‘तालीबान प्रतिबंधित सूची’ को अद्यतन करना कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 26 दिसंबर, 2014 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.एएमएल सं.9476/14.06.001/2014-15, जिसके द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988(2011) समिति की ‘तालीबान प्रतिबंधित सूची’, अर्थात् तालीबान से जुड़े हुए व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची में 2013 के 9वें अद्यतन टिप्पण (अपडेट) और 2014 के 3रे अद्यतन टिप्पण (अपडेट) जारी किए गए थे। 2. विदेश मंत्रालय, यूएनपी प्रभाग ने अब समिति की सूची (1988 तालिबान प्रतिबंध सूची) अर्थात् तालिबान से जुड़े हुए व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची में जुड़ाव संबंधी दिनांक 27 मार्च, 2015 का 1ला अपडेट भेजा है। प्रेस प्रकाशनी से संबंधित लिंक निम्नानुसार हैं: जिस प्रेस प्रकाशनी में सूची में संबंधित परिवर्तन घोषित किए गए हैं, वह समिति की वेबसाइट पर निम्नलिखित यूआरएल पर पोस्ट किए गए हैं: तालिबान से संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं की अद्यतन सूची, जिसमें उपर्युक्त सभी अपडेट शामिल किए गए हैं, http://www.un.org/sc/committees/1988/1988.pdf पर उपलब्ध है। 3. बैंकों/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं से अपेक्षित है कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित व्यक्तियों/संस्थाओं की समेकित सूची को अद्यतन करें तथा कोई भी नया खाता खोलने के पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम उक्त सूची में नहीं है। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उक्त सूची में शामिल किसी संस्था या व्यक्ति का कोई खाता नहीं है या किसी खाते से उसका संबंध नहीं है। 4. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे हमारे 17 सितंबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि.एएमएल.बीसी.सं.44/14.01.001/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें। 5. जहाँ तक निर्दिष्ट व्यक्तियों/ संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गयी निधियों, वित्तीय आस्तियों या आर्थिक संसाधनों या संबंधित सेवाओं को अवरुद्ध करने का संबंध है, 17 सितंबर, 2009 के उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 6 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। भवदीय, (थॉमस मैथ्यू) संलग्नक: यथोक्त |