नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा स्वर्ण का आयात - आरबीआई - Reserve Bank of India
नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा स्वर्ण का आयात
भारिबैंक/2012-13/520 4 जून 2013 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय, नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा स्वर्ण का आयात प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान, उल्लिखित विषय पर 13 मई 2013 के हमारे ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 103 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि बैंकों द्वारा परेषण के आधार पर स्वर्ण के आयात को केवल स्वर्ण आभूषणों के निर्यातकों की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने तक सीमित रखा जाए। अब यह निर्णय लिया गया है कि इस परिपत्र के उपबंध सभी नामित एजेंसियों/ प्रीमियर/स्टार ट्रेडिंग हाउसों, जिन्हें स्वर्ण के आयात के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमति दी गयी है, पर भी लागू किए जाएं। तदनुसार, अब स्वर्ण आभूषणों के निर्यातकों की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही नामित एजेंसियों और बैंकों, दोनों, द्वारा परेषण के आधार पर स्वर्ण के आयात की अनुमति होगी। 2. यह भी निर्णय लिया गया है कि सभी श्रेणियों के तहत स्वर्ण के आयात के लिए नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा खोले जाने वाले साख पत्र 100 प्रतिशत नकदी मार्जिन के आधार पर ही होंगे। इसके अलावा, स्वर्ण के सभी आयात केवल भुगतान पर देय प्रलेख के आधार पर होंगे। तदनुसार, स्वीकृति पर देय प्रलेख के आधार पर स्वर्ण के आयात के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। तथापि, ये प्रतिबंध स्वर्ण आभूषणों के निर्यातकों की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वर्ण के आयात पर लागू नहीं होंगे। 3. उल्लिखित अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। उन्हें यह भी सूचित किया जाता है कि वे इस बात को पूरी तरह सुनिश्चित करें कि उनके घटकों द्वारा / के लिए किए गए विदेशी मुद्रा लेनदेन अक्षरश: एवं इन अनुदेशों की भावना के अनुरूप हों। 4. स्वर्ण के आयात के संबंध में, समय-समय पर जारी, सभी अन्य अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) |