भारत में आयात - अल्पावधि ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में आयात - अल्पावधि ऋण
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.25 सितंबर 27, 2002 सेवा में महोदया / महोदय भारत में आयात - अल्पावधि ऋण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अगस्त 24, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 9 के पैरा अ. 12 और अ.13 में समाविष्ट निदेशों की ओर और 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक की अधिसूचना फेमा 3/2000-आरबी की अनुसूची के पैरा 4 (i ) की ओर आकृष्ट किया जाता है तदनुसार, वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, आपूर्तिकार का ऋण, अर्थात्, अल्पाविधि ऋण जहां पर कि भारत में आयात के लिए समुद्रपारीय आपूर्तिकार द्वारा 6 महीने से अधिक अवधि के लिए उधार सुविधा दी जाती है वहां रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक है ।उसी प्रकार क्रेता की साख उधार अर्थात्, जहां भारत में आयात मूल्य की चूकौती के लिए 3 साल से कम अवधि की परिपक्वता वाले अल्पावधि ऋण आयातक भारत से बाहर से बैंक अथवा वित्तीय संस्था के माध्यम से उपलब्ध कराते है वहां भी रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक है । 2. भारत में आयात की प्रक्रिया को सरल बनाने के विचार से अब यह निर्णय किया गया है कि अल्पावधि ऋण अर्थात् आपूर्तिकार के उधार और क्रेता के साख उधार, दोनों श्रेणियों के ऋणों के लिए एक समान विनियमावली को, अगली सूचना तक तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए । 3. तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी या तो आपूर्तिकार के साख उधार अथवा क्रेता के साख उधार के माध्यम से भारत में आयात के वित्त पोषण का प्रस्ताव फार्म ईसीबी में प्राप्त होता है तो उसका अनुमोदन कर सकते है बशर्ते कि : क) उधार 3 वर्ष की अवधि से कम अवधि के लिए दिया जा रहा हो । ख) उधार की रकम प्रति आयात लेनदेन 20 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक न हो । ग) प्रति वर्ष ऋण के लिए देय समग्र लागत, लिबोर + 50 आधार प्वॉइंट ।साल तक के लिए और एक साल से अधिक और 3 साल से कम की अवधि के लिए लिबोर + 125 आधार प्वॉइंट, ऋण चालू रहने की अवधि के लिए । 4. प्राश्कृत व्यापारी इस परिपत्र के अनुबध्द ।के समान अनुमोदन जारी करें और पहले की भांति ईसीबी-5 विवरणी प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें । 5. प्राधिकृत व्यापारी के अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रभाग महीने के दौरान अपनी सभी शाखाओं द्वारा दिए गए अनुमोदनों का विवरण फॉर्म ईसीबी - एसटी (प्ररुप संलग्न) में विवरण मुख्य महा प्रबंधक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, बाहय वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) प्रभाग, मुंबई - 400 001 को इस प्रकार भेजा करें कि वह अगले महीने की 5 तारीख तक अवश्य मिल जाया करें ।प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा प्रत्येक ऋण को अनन्य पहचान संख्या दी जाए ।उस आबंटित पहचान संख्या का इस कार्यालय के साथ भविष्य में िजाने वाले समस्त पत्राचार में उल्लेख किया जाए । 6. 20 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की रकम वाले किसी भी आयात संबंधी लेनदेन के सभी अल्पावधि ऋण लिए जाने से संबंधित आवेदन फार्म ईसीबी में मुख्य महा प्रबंधक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, बाहय वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) प्रभाग, मुंबई - 400 001 को अग्रेषित किए जाए । 7. तदनुसार 24 अगस्त 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 9 के पैरा अ.12, अ.13 में समाहित निदेश संशोधित समझे जाएं 1 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3 / 2000-आरबी की अनुसूची के पैरा (i) के प्रावधानों में संशोधन हेतु अधिसूचना अलग से जारी की जा रही है । 8. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें । 9. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया ग्रेस कोशी |