भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 45 /12.01.001/2006-07
11 दिसंबर 2006
20 अग्रहायण 1928 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 22 जून 2006 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2005-2006/422 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 91/12.01.001/2005-2006 देखें — वर्तमान समष्टि आर्थिक और मौद्रिक परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) में उनके निवल मांग तथा मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के आधे प्रतिशत की दो चरणों में वृद्धि की जाए , जो नीचे उल्लिखित पखवाड़ों से लागू होगी :
लागू होने की तारीख (अर्थात् |
निवल मांग तथा मीयादी देयताओं |
23 दिसंबर 2006 |
5.25 |
6 जनवरी 2007 |
5.50 |
इससे संबंधित 11 दिसंबर 2006 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी.44 /12.01.001/ 2006-2007 की प्रतिलिपि संलग्न है।
कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीया
(मालविका सिन्हा)
महाप्रबंधक
अनुलग्नक : 1
बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 44 /12.01.001/2006-2007
11 दिसंबर 2006
20 अग्रहायण 1928 (शक)
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए तथा 22 जून 2006 की अपनी अधिसूचना बैंपविवि.सं. आरईटी बीसी. 90 /12.01.001/2005-2006 का अधिक्रमण करते हुए , भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा विनिर्दिष्ट करता है कि अनुसूचित वाणिज्य बैंक ाटं द्वारा रखा जानेवाला अपेक्षित औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) नीचे उल्लिखित प्रभावी तारीखों से, उनके समक्ष दर्शाए गए अनुसार होगा।
प्रभावी तारीख (अर्थात् |
निवल मांग तथा मीयादी देयताओं |
23 दिसंबर 2006 |
5.25 |
6 जनवरी 2007 |
5.50 |
(आनंद सिन्हा)
कार्यपालक निदेशक