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एसजीएसवाई योजना के अंतर्गत व्यैक्तिक और सामूहिक ऋण के संबंध में संपार्श्विक जमानत की छूट में वृद्धि

भारिबैं /2009-10/127
ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.सं. 12/09.01.01/2009-10

24 अगस्त 2009

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

प्रिय महोदय,

एसजीएसवाई योजना के अंतर्गत व्यैक्तिक और सामूहिक ऋण
के संबंध में संपार्श्विक जमानत की छूट में वृद्धि

कृपया 1 सितंबर 1999 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.एसपी.बीसी. 23/09.01.01/99-2000 तथा 4 जुलाई 2002 का परिपत्र ग्राआऋवि.एसपी.बीसी. 113/09.01.01/2002-03 देखें जिनमें एसजीएसवाई योजना के अंतर्गत बैंकों को 50,000/- रुपए तक के व्यैक्तिक ऋणों तथा 5 लाख रुपए तक के सामूहिक ऋणों पर गौण संपार्श्विक जमानत (पहले संपार्श्विक जमानत कहा गया था) से छूट दिए जाने के बारे में सूचित किया गया था।

अब यह निर्णय लिया गया है कि एसजीएसवाई के अंतर्गत गौण संपार्श्विक जमानत से छूट की सीमा को व्यैक्तिक ऋणों के संबंध में मौजूदा 50,000/- से बढ़ाकर 1 लाख रुपए तथा सामूहिक ऋणों के संबंध में मौजूदा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रूपए कर दिया जाए। तदनुसार, 1 लाख रुपए तक वैयक्तिक ऋणों तथा 10 लाख रुपए तक के सामूहिक ऋणों के संबंध में, बैंक ऋण से निर्मित परिसंपत्तियां प्राथमिक संपार्श्विक (पहले प्राथमिक जमानत कहा गया था) के रूप में बैंक के पास दृष्टिबंधक रखी जाएंगी। उन मामलों में जहां चल परिसंपत्तियां भूमि आधारित कार्यकलापों जैसे कि कुएँ, लघु सिंचाई आदि के रूप में निर्मित नहीं की गई हैं, वहां भूमि को बंधक रखा जाए। जहां भूमि को बंधक रखना संभव न हो वहां बैंक के विवेकानुसार थर्ड पार्टी गारंटी स्वीकार की जाए।

एक लाख रुपए से अधिक के वैयक्तिक ऋणों तथा 10 लाख रूपए से अधिक के सामूहिक ऋणों के संबंध में, दृष्टिबंधक / बंधक जैसी प्राथमिक जमानत या थर्ड पार्टी गारंटी, जैसी भी स्थिति हो, के अलावा, बैंक के विवेकानुसार बीमा पॉलिसी के रूप में उचित मार्जिन मनी / अन्य गौण संपार्श्विक जमानत ; बेचनीय प्रतिभूति / संपत्ति के विलेख आदि प्राप्त किए जाएं। सामूहिक ऋण के संबंध में 10 लाख रुपए तक की अधिकतम सीमा समूह के आकार या समूह के प्रति व्यक्ति को यथानुपात मिलने वाली ऋण राशि को ध्यान में लिए बिना है।

हम सूचित करते हैं कि हमें भारत सरकार और कुछेक राज्य सरकारों से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि बैंक 50,000/- रुपए तक के वैयक्तिक ऋणों और 5 लाख रूपए तक के सामूहिक ऋणों पर गौण संपार्श्विक लेने से छूट संबंधी मौजूदा मानदंडों तक का पालन नहीं कर रहे हैं। आप कृपया अपने नियंत्रक कार्यालयों / अपनी शाखाओं को दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के बारे में आवश्यक अनुदेश जारी करने पर विचार करें।

कृपया प्राप्ति सूचना दें।


भवदीया

(लिलि वडेरा)
महाप्रबंधक

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