इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट
आरबीआइ/2004-05/280
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.28
नवंबर 19, 2004
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया/महोदय,
इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट
प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान एशियाई समाशोधन यूनियन के माध्यम से लेनदेन हेतु प्रक्रिया के ज्ञापन की मद 7(ख) और (ङ) के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.14/2000-आरबी के विनियम 3 और 5 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार आस्थगित भुगतान की शर्त पर क्रमश: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की करार की शर्तों में दी गई परिभाषा के अनुसार सभी चालू खाता लेनदेन और एशियाई समाशोधन यूनियन के सदस्य देशों के बीच निर्यात/आयात एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र के माध्यम से किए जाने हैं।
2. कतिपय अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों के घटित होने के कारण, उपर्युक्त प्रावधानों की समीक्षा की गई है तथा यह निर्णय लिया गया है कि म्यांमार के साथ व्यापार लेनदेन एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र के अलावे किसी भी स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में निपटाने की अनुमति दी जाए।
3. विदेशी मुद्रा प्रबंध (रसीद और भुगतान के तरीके) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
4. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भावदीय
(एप.आर. जोसेप)
मुख्य मब प्रबंधक