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30 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण के लिए अक्तूबर 15, 2003 का भारत-श्रीलंका ऋण करार

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई

ए.पी(डीआई आर सिरीज) परिपत्र सं.56
दिसंबर 23, 2003

सेवा में
विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय

30 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण के लिए
अक्तूबर 15, 2003 का भारत-श्रीलंका ऋण करार

भारत सराकार ने श्रीलंका जनतांत्रिक गणराज्य की सरकार को जनवरी 29, 2001 को दोनों सरकारों में हुए 100 मिलियन डॉलर के करार की दूसरी किस्त 30 मिलियन अमरीकी डॉलर (तीस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) उपलब्ध करा दी है । दोनों सरकारों के बीच इस आशय के करार पर अक्तूबर 15, 2003 को हस्ताक्षर किए गए। वह ऋण श्रीलंका जनतांत्रिक गणराज्य की सरकार को भारत से, भारत में विनिर्मित पुजी माल जिसमें पुजी माल के साथ खरीदे गए अतिरिक्त कलपुर्जें और अनुषांगिक पुर्जे शामिल हैं जो मूल करार में शामिल हैं और परामर्शी सेवाएं उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं ओर खाद्य वस्तुएं - शक्कर, गेहूं का आटा, चावल , लाल मसूर दाल , गेहूं , जो जैसा कि दोनों सरकार समय समय पर सहमत हों, जोड़ी , निकाली अथवा प्रतिस्थापित की जा सकती हैं , के आयात के लिए उपलब्ध होगा । यह ऋण किसी अन्य देश से आयात के लिए नहीं होगा । भारत से माल और सेवाओं का निर्यात और उनका श्रीलंका में आयात इस ऋण के अंतर्गत सामान्य वाणिज्यिक मार्ग से होगा और दोनों देशों के प्रचलित कानून और विनियमों के अधीन होगा ।
  
2. ऋण सहायता के प्रमुख नियम और शर्तें इस प्रकार है ।

क) सभी संविदाएं भारत सरकार और श्रीलंका की सरकार अथवा श्रीलंका सरकार द्वारा इस प्रयोजन के लिए प्राधिकृत किसी एजेंसी के अनुमोदन के अधीन होंगे और उसमें इस आशय का खंड समाहित होगा । सभी संविदाएं वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली को अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी । हर संविदा के अनुमोदन के पश्चात् , श्रीलंका सरकार और भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली को वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उसकी सूचना दी जाएगी ।

ख) ऋण भारत से निर्यात किए जाने वाले पात्र माल, सेवाओं और खाद्यान्न, जैसा कि परिशिष्ट में उल्लिखित है, के एफओबी मूल्य के 100 प्रतिशत राशि तक उपलब्ध होगा । संविदा का मूल्य अमरीकी डॉलर में व्यक्त किया जाएगा ।

ग) इस ऋण के अंतर्गत सभी संवितरण श्रीलंका में बैंक द्वारा खेले गए साखपत्र के अंतर्गत करना होगा । सभी साखपत्रों की सूचना श्रीलंका में स्थित बैंक द्वारा भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली के पास या तो सीधे या निर्यातक द्वारा नामित भारत में किसी बैंक के माध्यम से, यदि कोई हो, अग्रेषण के लिए भेजी जाएगी । इस साखपत्र के अंतर्गत भुगतान की सूचना देने के बारे में सामान्य व्यापारिक प्रथा का अनुसरण किया जाए ताकि साखपत्र की शेष 10 प्रतिशत रकम का भुगतान अमरीकी डॉलर में प्राप्त हो । एफ़ओबी मूल्य के 90 प्रतिशत के भुगतान हेतु भारतीय स्टेट बैंक को प्रस्तुत किए जाने वाले सभी दावों के समर्थन में बेचान करने वाले बैंक का प्रमाणपत्र हो कि सीधे भुगतान की जाने वाली रकम प्राप्त हो चुकी हैं । प्रत्येक साखपत्र के समर्थन में संविदा की पातिलिपि प्रस्तुत की जाए और उसमें निम्नलिखित प्रतिपूर्ति खंड जोड़ा जाए :-

"संविदा के एफओबी मूल्य के 100 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली द्वारा भारत सरकार से श्रीलंका सरकार को स्वीकृत 30 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण में से उपलब्ध करवाया जाएगा। भारतीय स्टेट बेंक द्वारा उसके लागू होने की सूचना प्राप्त हो जाने पर ही साखपत्र बेचान योग्य होगा। साखपत्र भारतीय स्टेट बैंक द्वारा सत्यापित करने के बाद लागू किया जाएगा ।

3. दिनांक 15 अक्तूबर 2003 के करार के अंतर्गत परिशिष्ट में उल्लिखित पात्र माल और सेवाओं के निर्यात के लिए वित्त पोषण किया जाएगा और साखपत्र दिसंबर 31, 2004 तक हस्ताक्षरित और स्थापित हो जाने चाहिए और इस ऋण के अंतर्गत पूरी रकम का आहरण दिसंबर 31, 2005 तक कर लिया जाना चाहिए । यदि पूरी रकम उक्त तारीख तक नहीं आहरित की जाती है तो शेष रकम रद्द कर दी जाएगी और भारत सरकार द्वारा इससे भिन्न सहमति न हो तो श्री लंका सरकार द्वारा इससे भिन्न् रहमति न हो तो श्री लंका सरकार द्वारा चुकाई जाने वाली अंतिम किस्त तदनुसार कम कर दी जाएगी ।

4. इस ऋण के अंतर्गत किए जाने वाले निर्यातों के लिए एजेंसी कमीशन अनुमत नहीं हैं ।

5. इस ऋण करार के अंतर्गत आने वाले माल और परामर्श सेवाओं के पोत लदान को जीआर/एसडीएफ़/सॉफ़टेक्स फार्म पर घोषितकिया जाए और उसके ऊपर स्पष्ट रुप से लिखा जाए कि "भारत सरकार और श्री लंका सरकार को निर्यात" । जीआर/एसडीएफ़/सॉफ़टेक्स फार्म में उपलब्ध स्थान पर इस परिपत्र की संख्या और तारीख लिखी जाए ।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें और उन्हें सूचित करें की सुविधा के बारे में और अधिक जानकारी एग्ज़िम बैंक कार्यालय अथवा उनकी वेब साईट से प्राप्त करें ।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए है ।

भवदीय

एफ.आर. जोसेफ़
मुख्य महा प्रबंधक

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