निक्रिय खाते - आरबीआई - Reserve Bank of India
निक्रिय खाते
आरबीआइ/2009-10/202 30 अक्तूबर, 2009 कार्तिक, 1931 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय निक्रिय खाते कृपया ग्राहक सेवा पर 1 जुलाई 2009 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 9/ 09.07.006/2009-10 का पैराग्राफ 24.2(iv) देखें, जिसके अनुसार यदि किसी बचत तथा चालू खाते में दो वर्ष से अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ हो तो उसे निक्रिय माना जाना चाहिए । इसके अलावा, पैराग्राफ 24.2(vi) के अनुसार किसी खाते को निक्रिय खाता के रूप में वर्गीकृत करने के प्रयोजन से ग्राहकों तथा तीसरे पक्षकार के अनुरोध पर किए गए दोनों प्रकार अर्थात् नामे और जमा लेनदेन पर विचार किया जाना चाहिए । 2. ऐसे उदाहरण हो सकते हैं जब किसी ग्राहक ने सावधि जमा खाते पर उपचित ब्याज को बचत बैंक खाते में जमा करने का अधिदेश (मैनडेट) दिया हो और उक्त बचत बैंक खाते में इसके अलावा कोई अन्य परिचालन न किया गया हो । इसे लेकर कुछ संदेह पैदा हुए हैं कि क्या इस प्रकार के खाते को दो वर्ष के बाद निक्रिय माना जाए । 3. इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि चूंकि ग्राहक के अधिदेश के अनुसार सावधि जमा खाते पर उपचित ब्याज को बचत बैंक खाते में जमा किया जाता है इसलिए उसे ग्राहक प्रेरित लेनदेन माना जाना चाहिए । इस प्रकार जब तक सावधि जमाराशि का ब्याज बचत बैंक खाते में जमा किया जाता है तब तक उस खाते को सक्रिय माना जाए । सावधि जमा खाते के ब्याज को जमा करने की अंतिम प्रविष्टि की तारीख से दो वर्ष के बाद ही ऐसे बचत बैंक खाते को निक्रिय माना जा सकता है । भवदीय (बी. महापात्र)मुख्य महाप्रबंधक |