निष्क्रिय खाते - आरबीआई - Reserve Bank of India
निष्क्रिय खाते
आरबीआई/2014-15/227 11 सितंबर 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, निष्क्रिय खाते कृपया बैंकों में अदावी जमाएं/ निष्क्रिय खातें पर 1 सितंबर 2008 का हमारा परिपत्र सं. शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी) परि. सं.12/09.19.900/2014-15 का पैरा 2(iv) देखें, जिसके अनुसार यदि किसी बचत या चालू खाते में दो वर्ष से अधिक अवधि के लिए कोई लेनदेन नहीं हुआ है, तो उस खाते को निष्क्रिय खाता माना जाएगा। इसके अलावा, पैरा 2(vi) के अनुसार किसी खाते को निष्क्रिय के रूप में वर्गीकृत करने के प्रयोजन से ग्राहक तथा अन्य पक्ष द्वारा किए गए दोनों प्रकार के लेनदेन, अर्थात् नामे और जमा लेनदेनों को विचार में लेना चाहिए। 2. ऐसे उदाहरण हो सकते हैं, जहां ग्राहक ने शेयरों पर लाभांश को बचत बैंक खाते में जमा करने का अधिदेश दिया हो तथा बचत बैंक खाते में अन्य कोई लेनदेन न हो। इसमें कुछ संदेह उत्पन्न हुआ है कि क्या ऐसे खातों को दो वर्ष के बाद निष्क्रिय खाता माना जाना चाहिए या नहीं। 3. इस संबंध में हम स्पष्ट करते हैं कि चूंकि ग्राहक के अधिदेश के अनुसार शेयरों पर लाभांश को बचत बैंक खातों में जमा किया जाता है, अतः इसे ग्राहक की ओर से लेनदेन माना जाना चाहिए। इसलिए, जब तक बचत बैंक खाते में लाभांश जमा होता रहेगा, उसे सक्रिय खाता माना जाना चाहिए। ऐसे बचत बैंक खाते को लाभांश जमा करने की अंतिम प्रविष्टि की तारीख से दो वर्ष के बाद निष्क्रिय खाता माना जा सकता है, बशर्ते उसमें ग्राहक की ओर से कोई अन्य लेनदेन न किए गए हों। भवदीय, (ए. के. बेरा) |