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नोटों की छंटाई/प्रसंस्करण – नोट छँटाई मशीनों की स्थापना

आरबीआई/2009-10/228
डीसीएम. परि. एनपीडी.3161/09.39.00 (नीति)/2009-2010

19 नवंबर 2009

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी सहित)/
अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक / अनुसूचित (प्राथमिक) शहरी सहकारी बैंक

महोदय,

नोटों की छंटाई/प्रसंस्करण – नोट छँटाई मशीनों की स्थापना

कृपया 27 अक्टूबर 2009 को घोषित वर्ष 2009-10 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा का पैरा 176 का संदर्भ लें (प्रतिलिपि संलग्न)।

2. संचलन में भौतिक बैंक नोटों की संख्या में भारी वृद्धि और हाल की अवधि में जाली नोटों की संख्या में वृद्धि के साथ यह स्पष्ट है कि सभी हितधारकों द्वारा बैंकनोटों की छंटाई और जाली नोटों का पता लगाने के मामले को हल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। जाली नोटों की पहचान सुनिश्चित करना और उन्हें पुन: जारी होने से रोकना तथा अच्छी गुणवत्ता वाले असली बैंक नोट उपलब्ध कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

3. मुद्रा वितरण की प्रणालियों और प्रक्रियाओं पर उच्च स्तरीय समूह, जिसने अगस्त 2009 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, ने पाया कि संचलन में बैंक नोटों की बढ़ती मात्रा और आवश्यकता के लिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बैंकों द्वारा केवल स्वच्छ और वास्तविक नोटों को ही संचलन में लाया जाए इस संबंध में कई सुझाव दिए गए हैं । उपयुक्त मशीनों के उपयोग से बैंकिंग चैनल में प्रवेश के समय ही जाली नोटों का पता लगाने में मदद मिलती है।

4. अत: यह निर्णय लिया गया है कि रुपये 100 तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को बैंकों द्वारा अपने काउंटरों पर या एटीएम के माध्यम से पुन: तभी जारी किया जा सकता है, जब इन बैंकनोटों की प्रामाणिकता/वास्तविकता और उपयुक्तता के लिए मशीनों द्वारा इनकी विधिवत जाँच की गई हो । इस उद्देश्य के लिए, बैंकों को चाहिए:

(i) उन सभी शाखाओं में ऐसी मशीनों का उपयोग करें जिनकी मार्च 2010 तक औसत दैनिक नकद प्राप्ति रु. 1 करोड़ और उससे अधिक है।

(ii) उन सभी शाखाओं में ऐसी मशीनों का उपयोग करें जिनकी मार्च 2011 तक औसत दैनिक नकद प्राप्ति रु. 50 लाख से रु. 1 करोड़ है ।

5. ऐसी मशीनें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों/मापदंडों के अनुरूप होनी चाहिए।

6. तदनुसार, हमारे निर्देश DCM No.Dir. एनपीडी/3158/2009-10 दिनांक 19 नवंबर 2009 संलग्न है।

6. कृपया पावती दें।

भवदीय

(आर गांधी)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्‍नक: यथोक्त


डीसीएम.सं. निदेश. एनपीडी. 3158/09.39.00 (नीति)/2009-10

19 नवंबर 2009

नोटों की छंटाई - नोट छँटाई मशीनों की स्थापना

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक, जनहित में ऐसा करना आवश्यक और समीचीन मानते हुए, इसके द्वारा निर्देश देता है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि रु. 100/- और उससे अधिक मूल्यवर्ग के सभी नोटों को उनके काउंटरों पर या एटीएम के माध्यम से जारी करने से पहले, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों/मापदंडों के अनुरूप मशीनों के माध्यम से प्रसंस्कृत किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक आगे निर्देश देता है कि:

(i) रुपये 1 करोड़ से अधिक की औसत दैनिक नकद प्राप्तियों वाली सभी बैंक शाखाएं मार्च 2010 तक ऐसी मशीनों का उपयोग प्रारम्भ करें ।

(ii) रुपये 50 लाख से रु. 1 करोड़ के बीच औसत दैनिक नकद प्राप्तियों वाली सभी बैंक शाखाएं मार्च 2011 तक ऐसी मशीनों का उपयोग प्रारम्भ करें ।

(वी के शर्मा)
कार्यपालक निदेशक

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