अंतर शाखा समायोजन लेखा - निवल नामे शेष हेतु प्रावधानीकरण
भारिबैं / 2004-05 / 482
ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 103/07.37.02/2004-05
मई 30, 2005
सभी राज्य / जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक तथा
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
अंतर शाखा समायोजन लेखा - निवल नामे शेष हेतु प्रावधानीकरण
वफ्पया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 5 जनवरी 2004 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी.सं. 59/ 07.37.02/2003-04 भारिबैं/2004/26 देखें । जैसाकि उसमें सूचित किया गया है, सभी राज्य / मध्यवर्ती सहकारी बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से यह अपेक्षित था कि वे 31 मार्च 2004 को लंबित 31 मार्च 2001 तक की अवधि से संबंधित अंतर शाखा लेखे में सभी नामे और जमा प्रविष्टियों को अलग - अलग करके निवल स्थिति निकालें । उनसे यह भी अपेक्षित था कि वे इसके संबंध में ऐसा श्रेणीबध्द प्रावधानीकरण करें कि मार्च 2006 को समाप्त वर्ष तक संपूर्ण प्रावधानीकरण हो जाए ।
2. 1 अप्रैल 2004 को या उसके बाद की जानेवाली नई प्रविष्टियों के संबंध में हम सूचित करते हैं कि छ: माह से अधिक के लिए लंबित रहनेवाली उन प्रविष्टियों के मामलों में निवल नामे स्थिति का 100 प्रतिशत प्रावधानीकरण किया जाएगा ।
3. इस परिपत्र की विषय-वस्तु आपके बैंक के बोड़ के समक्ष रखा जाए ।
4. वफ्पया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति - सूचना दें ।
भवदीय
( मोलीना चौधरी )
उप महाप्रबंधक
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