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पोतलदानपूर्व तथा पोतलदान के पश्चात रुपया निर्यात ऋणों के लिए ब्याज समतुल्यीकरण योजना

भारिबैं/2015-16/322
डीसीबीआर.केंका.एससीबी.परि.सं.1/13.05.000/2015-16

22 माघ 1937
11 फरवरी 2016

मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
एडी I लाईसेंस प्राप्त सभी अनुसूचित प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंक

महोदया/ महोदय,

पोतलदानपूर्व तथा पोतलदान के पश्चात रुपया निर्यात ऋणों के लिए ब्याज समतुल्यीकरण योजना

भारत सरकार ने पात्र निर्यातकों के लिए पोतलदानपूर्व तथा पोतलदान के पश्चात रुपया निर्यात ऋणों के लिए ब्याज समतुल्यीकरण योजना की घोषणा की है । यह योजना 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी है। योजना के ब्यौरे संलग्न हैं।

2. तदनुसार, योजना के तहत पात्र अर्ह एडी 1 संवर्ग लाईसेंस प्राप्त शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया जाता है वे प्रतिपूर्ति का दावा करते समय निम्नानुसार परिचालन कार्य विधि का पालन करें:

A. ब्याज समतुल्यीकरण लाभ निर्यातकों तक पहुंचाए जाने की कार्य विधि:

  1. भारत सरकार की योजना के अनुसार बैंक 1 अप्रैल 2015 से 31 जनवरी 2016 तक की अवधि केलिए पात्र निर्यातकों की पहचान करेंगे और उनके खातों में ब्याज समतुल्यीकरण के लिए पात्र राशि जमा कर देंगे।

  2. माह फरवरी 2016 और उसके बाद से बैंक अग्रिमों पर ब्याज दरों संबंधी हमारे मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार पात्र निर्यातकों से ली जाने वाली ब्याज दरों में से भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली ब्याज समतुल्यीकरण की दर को घटा देंगे।

  3. ब्याज समतुल्यीकरण का लाभ संवितरण की तारीख से चुकौती की तारीख तक अथवा उस तारीख, जिसके बाद बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाते हैं तक उपलब्ध रहेगा। तथापि, पात्र निर्यातकों को ब्याज समतुल्यीकरण लाभ केवल उसी अवधि तक मिलेंगे जिस अवधि तक यह योजना प्रभावी रहती है।

B. पात्र निर्यातकों को पहले ही दिए जा चुके ब्याज समतुल्यीकरण लाभों की प्रतिपूर्ति के दावे प्रस्तुत किए जाने की प्रक्रिया

  1. 1 अप्रैल 2015 से 31 जनवरी 2016 तक की अवधि के लिए पात्र निर्यातकों को पहले ही दी जा चुकी ब्याज समतुल्यीकरण की राशि की प्रतिपूर्ति के लिए सेक्टरवार समेकित दावा भारतीय रिजर्व बैंक को 29 फरवरी 2016 तक प्रस्तुत कर दिया जाना चाहिए।

  2. फरवरी 2016 के बाद की अवधि के लिए ब्याज समतुल्यीकरण की प्रतिपूर्ति के सेक्टरवार समेकित मासिक दावे मूल रूप में संबंधित माह की समाप्ति से 15 दिनों की अवधि में अनुबंध-। में दिए गए फॉर्मेट में प्राधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर तथा बैंक की मुहर के साथ प्रस्तुत कर दिए जाने चाहिए।

  3. दावों के साथ बाहरी लेखापरीक्षक का प्रमाणपत्र (मुहर तथा सदस्यता क्रमांक सहित) भी लगाया जाना चाहिए जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि .................समाप्त माह के लिए............................... रुपए के ब्याज समतुल्यीकरण के दावे का सत्यापन कर लिया गया है और इनको पूरी तरह 11 फरवरी 2016 के परिपत्र डीसीबीआर.केंका.एससीबी.परि.सं.1/13.05.000/2015-16 के साथ संलग्न सरकार की योजना के अनुरूप पाया गया है। ऐसा प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही प्रतिपूर्ति के दावों के निपटान पर विचार किया जाएगा।

  4. दावे प्रधान मुख्य महाप्रबंधक, सहकारी बैंक विनियमन विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, केन्द्रीय कार्यालय, सी-7, पहली/ दूसरी मंज़िल, बीकेसी, बांद्रा पूर्व, मुंबई को प्रस्तुत किए जाने चाहिए।

  5. ब्याज समतुल्यीकरण दावों के लिए प्रतिपूर्ति उस समय की जाएंगी जब भारत सरकार से इस संबंध में निधियाँ प्राप्त होंगी ।

भवदीया,

(सुमा वर्मा)
प्रधान मुख्‍य महाप्रबंधक
सं: यथोपरि

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