जमाराशियों पर ब्याज दरें - आरबीआई - Reserve Bank of India
जमाराशियों पर ब्याज दरें
भारिबैं /2012-13/234 अक्तूबर 08 2012 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय / महोदया जमाराशियों पर ब्याज दरें आपका ध्यान जमाराशियों पर ब्याज दरों में अंतर के संबंध में 17 अप्रैल 2012 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2012-13 के पैरा 84 और 85 (उद्धरण संलग्न) की ओर आकर्षित किया जाता है। यह देखा गया है कि बैंकों द्वारा 15 लाख रूपए और अधिक की एकल सावधि (सिंगल टर्म) जमाराशियों पर ब्याज दरों तथा तदनुरूपी परिपक्वतावाली अन्य जमाराशियों (अर्थात् 15 लाख रूपए तक की जमाराशियां) पर दी जानेवाली दरों में व्यापक अंतर होता है। साथ ही, बैंक परिपक्वता में बहुत ही कम अंतरवाली जमाराशियों पर उल्लेखनीय रूप से भिन्न दरें लगा रहे हैं। यह अपर्याप्त चलनधि प्रबंधन तथा अपर्याप्त मूल्यन पद्धतियों का परिचायक है। अतः, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे देयताओं के मूल्यन पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित एक पारदर्शी नीति बना लें। बोर्ड / एएलसीओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 15 लाख रूपए और उससे अधिक की एकल सावधि जमाराशियों और अन्य सावधि जमाराशियों (अर्थात् 15 लाख रूपए तक की जमाराशियां) पर ब्याज दरों में अंतर कम से कम हो। भवदीय ( सी. डी. श्रीनिवासन ) अनुलग्नक : यथोक्त मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 का उद्धरण जमाराशियों पर ब्याज दरों में विभिन्नता (वैरिएशन) कम से कम हो 84. अन्य बातों के साथ-साथ रिज़र्व बैंक ने कहा है कि जो सावधि जमा योजनाएं (फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स) विशेष रूप से भारतीय वरिष्ठ नागरिकों के लिए हैं उनको और ₹1.5 मिलियन व उससे अधिक की एकल सावधि जमाराशियों (सिंगल टर्म डिपॉज़िट्स) को छोड़कर अन्य जमाराशियों पर दिए जाने वाले ब्याज के मामले में बैंक भेद-भाव न करें। तथापि, यह पाया गया है कि बैंकों की खुदरा व थोक जमा राशियों की दरों में व्यापक अंतर है जो कि खुदरा जमाकर्ताओं (डिपॉजिटर्स) के प्रति अनुचित है। इसके अलावा, परिपक्वता में बहुत कम अंतर वाली जमाराशियों पर भी बैंक की दरों में काफी फ़र्क है। इससे चलनिधि प्रबंधन व्यवस्था और कीमत निर्धारण प्रक्रिया में कमी का पता चलता है। अत:
85. इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। |