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विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

आरबीआइ/2008-09/374

बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) बीसी.सं. 107/04.02.001/2008-09
5 फरवरी 2009
16 माघ 1930 (शक)

सभी वाणिज्य बैंक

 

महोदय/महोदया

 

विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

 

कृपया विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण से संबंधित 18 अप्रैल 2006 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) सं. 78/04.02.01/2005-06 तथा रुपया/विदेशी मुद्रा निर्यात ऋण पर 1 जुलाई 2008 के मास्टर परिपत्र का पैरा 7 देखें ।

2. भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों द्वारा विदेशी मुद्रा में दिए गए निर्यात ऋण पर अधिकतम ब्याज दर तत्काल प्रभाव से लाइबोर से 100 आधार अंक अधिक की वर्तमान सीमा से बढ़ाकर लाइबोर से 350 आधार अंक अधिक की जाए । यह वृद्धि इस स्पष्ट शर्त के अधीन की गयी है कि फुटकर खर्च की वसूली को छोड़कर बैंक सेवा प्रभार, प्रबंधन प्रभार आदि जैसे कोई अन्य प्रभार नहीं
लगायेंगे । ब्याज दरों में इसी प्रकार के परिवर्तन उन मामलों में लागू किये जाएं जहां यूरो लाइबोर/यूरीबोर को बेंचमार्क माना गया है । लागू ब्याज दरें इस परिपत्र से संलग्न 5 फरवरी 2009 के बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) सं. 106/04.02.001/2008-09 के अनुबंध में दी गयी हैं ।

3. ब्याज दरों में यह परिवर्तन केवल नये अग्रिमों पर लागू होगा ।

4. इसके अलावा, 1 जुलाई 2008 के उपर्युक्त मास्टर परिपत्र के पैरा 5.1.3(iii)क में निहित अनुदेशों को संशोधित करते हुए विदेशी बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की उच्चतम सीमा को तत्काल प्रभाव से छह माह लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 75 आधार अंक अधिक से बढ़ाकर छह माह लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 150 आधार अंक अधिक कर दिया गया है ।
 
 

भवदीय

 
 
(पी. विजय भास्कर)

मुख्य महाप्रबंधक

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