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विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

आरबीआइ/2009-10/321
बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) बीसी.सं. 76/04.02.001/2009-10

19 फरवरी 2010
30 माघ 1931 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक

महोदय /महोदया

विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

कृपया विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण से संबंधित 5 फरवरी 2009 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) सं. 107/04.02.001/ 2008-09 तथा रुपया/विदेशी मुद्रा निर्यात ऋण पर 1 जुलाई 2009 के मास्टर परिपत्र का पैरा 7 देखें ।

2. भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों द्वारा विदेशी मुद्रा में दिए गए निर्यात ऋण पर अधिकतम ब्याज दर तत्काल प्रभाव से लाइबोर से 350 आधार अंक अधिक की वर्तमान सीमा से घटाकर लाइबोर से 200 आधार अंक अधिक की जाए । यह कटौती इस स्पष्ट शर्त के अधीन की गयी है कि फुटकर खर्च की वसूली को छोड़कर बैंक सेवा प्रभार, प्रबंधन प्रभार आदि जैसे कोई अन्य प्रभार नहीं लगायेंगे। ब्याज दरों में इसी प्रकार के परिवर्तन उन मामलों में लागू किये जाएं जहां यूरो लाइबोर/यूरीबोर को बेंचमार्क माना गया है । लागू ब्याज दरें इस परिपत्र से संलग्न 19 फरवरी 2010 के बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) सं. 75/04.02.001/2009-10 के अनुबंध में दी गयी हैं।

3. ब्याज दरों में यह परिवर्तन केवल नये अग्रिमों पर लागू होगा।

4. इसके अलावा, 1 जुलाई 2009 के उपर्युक्त मास्टर परिपत्र के पैरा 5.1.3(iii)क में निहित अनुदेशों को संशोधित करते हुए विदेशी बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की उच्चतम सीमा को तत्काल प्रभाव से छह माह लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 150 आधार अंक अधिक से घटाकर छह माह लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 100 आधार अंक अधिक कर दिया गया है।

भवदीय

(पी. विजय भास्कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) बीसी.सं. 75/04.02.001/2009-10

19 फरवरी 2009
30 माघ 1930 (शक)

विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 21 और 35क द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जन हित में आवश्यक और समयोचित है एतद्वारा निदेश देता है कि 19 फरवरी 2010 से विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण पर ब्याज दरें इस निदेश से संलग्न अनुबंध में निर्दिष्ट अनुसूची के अनुसार होंगी।

(सी. कृष्णन)
कार्यपालक निदेशक


अनुबंध

अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण पर
19 फरवरी 2010 से प्रभावी ब्याज दरों की अनुसूची 

 

 

 

ब्याज दरें (वार्षिक)

1.

पोतलदानपूर्व ऋण

 

 

(क)

180 दिनों तक

लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 200 आधार अंक अधिक तक

 

(ख)

180 दिनों से अधिक और 360 दिनों तक

अवधि बढ़ाते समय 180 दिनों की आरंभिक अवधि पर लागू दर तथा 200 आधार अंक

2.

पोतलदानोत्तर ऋण

 

 

(क)

पारवहन अवधि के लिए (फेडाई द्वारा निर्दिष्ट) मांग बिल पर

लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 200 आधार अंक अधिक तक

 

(ख)

मीयादी बिल (निर्यात बिलों की मीयाद, फेडाई द्वारा निर्दिष्ट पारवहन अवध्ंा ि और जहां लागू हो वहां ग्रेस अवधि सहित कुल अवधि के लिए) पोतलदान की तारीख से 6 महीने तक

लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 200 आधार अंक अधिक तक

 

(ग)

निर्यात बिल (मांग या मीयादी) जिनकी वसूली नियत तारीख के बाद लेकिन क्रिस्टलाइजेशन की तारीख तक होती है ।

उपर्युक्त 2(ख) की दर तथा 200 आधार अंक

3.

अन्यथा अविनिर्दिष्ट निर्यात ऋण

 

 

(क)

पोतलदानपूर्व ऋण

अविनियमित @

 

(ख)

पोतलदानोत्तर ऋण

अविनियमित @

@ रुपया ऋण दर होने के कारण बैंक बीपीएलआर और स्प्रेड दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए ब्याज दर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं।

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