देशी, सामान्य अनिवासी (एनआरओ) और अनिवासी (बाह्य) (एनआरई) खातों में रहनेवाली रुपया जमाराशियों पर ब्याज दर
आरबीआइ/2012-13/148 31 जुलाई 2012 अध्यक्ष महोदय, देशी, सामान्य अनिवासी (एनआरओ) और अनिवासी (बाह्य) कृपया आप 4 नवंबर 2000 के परिपत्र बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. 47/13.03.00/2000-2001 के साथ संलग्न निदेश का पैराग्राफ 5 तथा दिनांक 13 मई 2005 का मेल बॉक्स स्पष्टीकरण देखें जिसके अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया था कि विद्यमान अथवा सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों की अनिवासी (बाह्य) जमाराशियों के मामले में, स्टाफ सदस्य होने के कारण उन्हें भुगतान किए गए किसी भी अतिरिक्त ब्याज सहित ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित उच्चतम सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए । 2. समीक्षा करने पर अब यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अनिवासियों की किसी भी प्रकार की जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ नहीं देना चाहिए । तदनुसार एनआरई/एनआरओ खातों के अंतर्गत जमाराशियों पर बैंक के अपने स्टाफ को उपलब्ध एक प्रतिशत प्रतिवर्ष की अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ देने के संबंध में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रदान किया गया विवेकाधिकार हटाया गया है । 3. इससे संबंधित समय-समय पर संशोधित, अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तनीय रहेंगे । भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) |
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